सरकार ने आईवीएफ तकनीक का दुरूपयोग रोकने के लिए
उठाया कदम
हिसार, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । सिविल सर्जन डॉ. सपना
गहलावत ने कहा है कि हरियाणा में ऐसे दंपति जिनके पहले से एक या दो बच्चे है और वे
इसके बााद भी यदि आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) के माध्यम से और बच्चा चाहते हैं,
तो इसके लिए उन्हें समुचित प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इस संबंध में गठित टास्क
फोर्स का उद्देश्य लिंगानुपात में सुधार और अनियमित मेडिकल प्रक्रियाओं पर नियंत्रण
सुनिश्चित करना है।
सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत ने बुधवार को बताया
कि अब दंपति को अपनी आवश्यकता स्पष्ट करते हुए एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत अनुमति
प्राप्त करनी होगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि आईवीएफ जैसी तकनीकों का दुरुपयोग
न हो और समाज में संतुलित लिंगानुपात को सुनिश्चित किया जा सके। नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष
खतरेजा ने बताया कि प्रदेश भर में चल रहे अवैध मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी)
केंद्रों के खिलाफ की गई कार्रवाई के चलते करीब 500 अवैध केंद्र बंद कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि आईवीएफ प्रक्रिया एक संवेदनशील चिकित्सा तकनीक है, जिसका उपयोग अत्यंत
जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए। यदि दंपति को पहले से एक या दो संतानें हैं और वे पुन:
गर्भधारण के लिए आईवीएफ का सहारा लेना चाहते हैं तो यह अनिवार्य होगा कि वे जिला स्तर
पर अनुमति प्राप्त करें। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि
भ्रूण लिंग चयन जैसी अवैध प्रवृत्तियों पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
