सोलन, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । उद्योग, संसदीय कार्य एवं श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) प्रदेश की आर्थिकी का आधार है। उद्योग मंत्री शनिवार को एक मीडिया समूह के लघु और मध्यम उद्योग की दिशा में आयोजित क्षेत्रीय कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।
हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र न केवल रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि यह नवाचार, उद्यमिता और समावेशी विकास को बढ़ाने में भी अहम भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य लघु उद्योगों को और अधिक बढ़ावा देना है। प्रदेश सरकार नई उद्योग नीति बना रही है। नई नीति में विभिन्न उद्योग संघों विशेषकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे ताकि एक बेहतर नीति तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर बल दिया जाएगा।
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भूमि सुधार अधिनियम, 1972 के नियम 118 के सरलीकरण पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि हिमाचल में स्थापित होने वाले उद्योगों को अधिक सुविधाएं प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में उद्योगपतियों व श्रमिकों की सुविधा के लिए टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि चयनित की जा रही है। इस टाउनशिप में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
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(Udaipur Kiran) / संदीप शर्मा
