Uttar Pradesh

शोध में डिजिटल कौशल की भूमिका अहम : डॉ दीर्घराज जोशी

व्याख्यान देते डॉ दीर्घराज जोशी

–शिक्षा विभाग में “डिजिटल स्किल फ़ॉर रिसर्च एंड पेडागॉजिकल प्रैक्टिस” विषय पर व्याख्यान

प्रयागराज, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग की ओर से गुरूवार को “डिजिटल स्किल फ़ॉर रिसर्च एंड पेडागॉजिकल प्रैक्टिस” विषय रिसर्च कोलोक्वियम श्रृंखला के अंतर्गत व्याख्यान हुआ। इसमें त्रिभुवन विश्वविद्यालय नेपाल के महेन्द्र रत्न परिसर, गणित शिक्षा विभाग के डॉ. दीर्घराज जोशी ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

डॉ. दीर्घराज जोशी ने शोध और अध्यापन प्रथाओं में डिजिटल उपकरणों एवं कौशल की महत्ता पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी किस प्रकार शिक्षण-अधिगम को समृद्ध कर सकती है। उन्होंने विषय-विशेष डिजिटल उपकरणों के चयन की आवश्यकता पर बल दिया और बताया कि शोध अथवा अध्यापन की प्रकृति एवं उद्देश्यों के अनुरूप उपयुक्त प्लेटफ़ॉर्म कैसे चुने जाएं। डॉ. जोशी ने विभिन्न संपादन उपकरणों, कंटेंट निर्माण मंचों तथा टीपैक (Technological Pedagogical Content Knowledge) रूपरेखा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ प्रभावी रूप से एकीकृत करने की रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला।

डॉ. जोशी ने यह भी रेखांकित किया कि शोध प्रक्रिया की सम्पूर्ण यात्रा यानी साहित्य समीक्षा, संदर्भ प्रबंधन, शोध अंतर की पहचान, पद्धति का चयन, गुणात्मक एवं मात्रात्मक डाटा विश्लेषण के उपकरण आदि सभी में डिजिटल कौशल की अहम भूमिका है। उन्होंने लोकप्रिय मेडले सॉफ़्टवेयर का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया और दिखाया कि शोधकर्ता किस प्रकार उद्धरण एवं संदर्भ सूची प्रबंधन को सरल बना सकते हैं।

इविवि के मीडिया प्रभारी डॉ अमित शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का समापन शोध कोलोक्वियम के संयोजक डॉ. पतंजलि मिश्र के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस अवसर पर डा. सरोज यादव, डॉ. डी.पी. सिंह, डॉ. एम.के. गौतम, डॉ. शीलू, डॉ. संगीता तथा डॉ. विवेक सिंह सहित शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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