Uttar Pradesh

गंगा का बढ़ता जलस्तर: छह ब्लॉकों के खेतों में घुसा पानी, फसलें डूबीं, प्रशासन अलर्ट

सीखड़ ब्लाक में  खानपुर के खेतों में घुसा बाढ़ का पानी।

मीरजापुर, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । गंगा नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर ने जिले के छह ब्लॉकों — छानबे, कोन, सिटी, पहाड़ी, मझवां और सीखड़ की सीमावर्ती खेतीहर जमीनों को जलमग्न कर दिया है। इससे चार ब्लॉकों में करीब 300 बीघे से अधिक फसल पानी में डूब गई है।

खासकर कोन ब्लॉक के हरसिंहपुर, मल्लेपुर, मवैया और मझरा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सड़कें पानी में डूबने से कई गांवों का मुख्य मार्ग से सम्पर्क कट गया है।

गंगा का जलस्तर सोमवार दोपहर तक 75.340 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी बिंदु 76.724 मीटर से केवल करीब एक मीटर नीचे है। हालांकि राहत की बात यह है कि बीते चार घंटे में 12 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और गंगा किनारे बसे गांवों के लोगों को अलर्ट किया गया है।

–प्रशासन सतर्क, खुद निगरानी कर रहे अधिकारी

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और एडीएम वित्त एवं राजस्व अजय कुमार सिंह लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। एसडीएम सदर गुलाब चंद्र ने बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया और तटीय गांवों में अलर्ट जारी करवाया। अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ा है। केन और यमुना नदियों के रास्ते भी अतिरिक्त जल गंगा में पहुंच रहा है। चित्रकूट व बैराजों से छोड़ा गया पानी भी जलस्तर में वृद्धि का कारण है।

–तटीय गांवों में खेतों में जलभराव, फसलों को नुकसान की आशंका

चुनार क्षेत्र के जलालपुर माफी, बगाहीं, पचेवरा, नकहरा, नौगरहा, शिवपुर और गांगपुर जैसे तटीय गांवों के खेतों में पानी भरने से मूंगफली की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका गहरा गई है। खेतों में तीन दिनों से जमा पानी से फसलें गलने की संभावना है। हालांकि बस्तियों तक पानी नहीं पहुंचा है, लेकिन जलभराव की वजह से किसान परेशान हैं। जलनिकासी की व्यवस्था न होने से चिंता बनी हुई है।

–बाढ़ चौकियों पर सख्त निगरानी, प्रशासन तैयार

चुनार, नरायनपुर और सीखड़ क्षेत्र की बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारी चौकन्ना हैं। एसडीएम राजेश कुमार वर्मा और तहसीलदार योगेंद्र शरण शाह लगातार दौरा कर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अगर हालात बिगड़ते हैं, तो राहत और बचाव कार्य तत्काल शुरू कर दिए जाएंगे। ग्रामीणों से भी सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को सूचित करने की अपील की गई है।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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