Uttar Pradesh

मोहर्रम के छठवीं का निकला जुलूस, अकीदतमदों ने पढ़ा नौहा, किया मातम

मोहर्रम पर निकला दुलदुल का घोड़ा

जौनपुर, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुरुवार को मोहल्ला अजमेरी में हवेली ख़ान बहादुर मुफ्ती हैदर हुसैन मरहूम में, मुफ्ती अनवार हैदर एडवोकेट के इमामबाड़े में मजलिस हुई और ज़ुल्जनाह, ताबूत व अलम का जुलूस अक़ीदत के साथ उठा जिसमे लोगों ने ज़ियारत किया मन्नते मांगी और नौहा पढ़ा मातम कर हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का ग़म मनाया।

जुलूसे अज़ा की मजलिस मे सोज़ख्वानी हैदर काज़मी ने किया। पेशख्वानी कैफी मोहम्मदाबादी ने किया। मजलिस को मौलाना सैय्यद मोहम्मद हसन आब्दी आजमगढ़ ने मजलिस को खिताब करते हुए इमाम हुसैन के किरदार पर रोशनी डाली और बताया कि इमाम हुसैन की जंग कर्बला में इस्लाम को बचाने के लिए असत्य पर सत्य की जंग यजीद के साथ हुई। इस दौरान हुसैन ने अपना सिर कलम करवा कर बता दिया। मगर इस्लाम दीन बचा लिया। हुसैन की शहादत के बाद आज तक हर घर में हुसैन का नाम लिया जाता है। मौलाना ने कहा कि हुसैन ने जिस तरह से करबला के मैदान में अपनी कुर्बानी पेश की उसकी मिसाल आज तक दुनिया में नहीं मिलती। उन्होंने इमाम पर हुए मसायब दु:ख पढ़ा, तो लोग रोने लगे।

मजलिस के बाद शबीहे ज़ुल्जनाह व अलम और शबीहे ताबूते अली अकबर (अ.स) बरामद हुई। मुफ्ती शारिब मेहंदी ने ग़मगीन आवाज़ मे बैनिया नौहा पढ़ा। जुलूस में अन्जुमन सज्जादिया मुफ्ती मोहल्ला ने नौहा पढ़ा व मातम किया। जुलूस देर रात समपन्न हुआ। इस अवसर पर मुफ्ती अनवार हैदर, सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा, पिनकी आब्दी, दानिश काज़मी, सै मो हसन नसीम आदि सहित महिला पुरुष व बच्चो ने उपस्थित रहते हुए जियारत किया।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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