नई दिल्ली, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अगस्त को दोपहर लगभग 12:15 बजे यहां के कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन-03 का दौरा करेंगे और उसका उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह के बाद प्रधानमंत्री शाम लगभग 6:30 बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कर्तव्य भवन का उद्घाटन केंद्र सरकार की प्रशासनिक सुधारों एवं आधुनिक, कुशल तथा नागरिक-केन्द्रित शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत बनने वाले कई कॉमन सेंट्रल सचिवालय भवनों में से पहला है। इसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी बनाना, मंत्रालयों के बीच समन्वय बढ़ाना तथा नीति क्रियान्वयन को तेज करना है।
बयान में कहा गया है कि वर्तमान में कई प्रमुख मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच निर्मित पुराने भवनों जैसे कि शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन से संचालित हो रहे हैं, जो अब संरचनात्मक रूप से कमजोर और अप्रभावी हो चुकी हैं। कर्तव्य भवन जैसी आधुनिक सुविधाओं से युक्त इमारतें इन मंत्रालयों को एक ही परिसर में लाकर कामकाज को अधिक सुचारु, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाएंगी।
कर्तव्य भवन एक अत्याधुनिक कार्यालय परिसर होगा जो लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। इसमें दो बेसमेंट और भूतल सहित सात मंजिलें हैं। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय होंगे।
कर्तव्य भवन-03 को जीआरआईएचए-4 रेटिंग प्राप्त हरित भवन के रूप में डिजाइन किया गया है। इसमें डबल-ग्लेज़्ड कांच, रूफटॉप सोलर पैनल, सौर जल तापक, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, और उन्नत एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं। भवन में ऊर्जा-बचत वाली एलईडी लाइट्स, स्मार्ट लिफ्ट्स, और सेंसर आधारित बिजली नियंत्रण प्रणाली लगी हुई है। इससे यह भवन पारंपरिक इमारतों की तुलना में 30 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग करेगा।
भवन में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन, कचरा प्रबंधन संयंत्र, पुनर्नवीनीकरण निर्माण सामग्री का उपयोग, और शून्य-अपशिष्ट नीति जैसे कदम भी उठाए गए हैं। यहां उत्पादित 5.34 लाख यूनिट सालाना सौर बिजली से ऊर्जा की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
