Madhya Pradesh

मध्‍य प्रदेश में बनी हुई है हल्‍की बारिश की संभावना

मध्‍य प्रदेश का मौसम

भोपाल, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट लेने को तैयार है। अगले तीन दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश का दौर चलता रहेगा, लेकिन 25 से 26 सितंबर के बीच मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल जाएगा और तेज बारिश का सिलसिला शुरू होगा। इसके बाद धीरे-धीरे प्रदेश से मानसून की वापसी का रास्ता भी साफ होने लगेगा। फिलहाल भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। सोमवार को राजधानी भोपाल में सुबह से धूप खिली रही, हालांकि नमी और उमस के कारण मौसम में चिपचिपाहट महसूस की गई।

उल्‍लेखनीय है कि रविवार को प्रदेश के नर्मदापुरम, उज्जैन, मंडला, नरसिंहपुर सहित 15 से अधिक जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई। भोपाल में कोलार, कलियासोत और भदभदा डैम के गेट खुले रहे। राजधानी भोपाल में पिछले 24 घंटे में तेज धूप और हल्की उमस के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिला। उज्जैन में दिनभर उमस और धूप के कारण लोग परेशान रहे, लेकिन शाम होते-होते आसमान पर बादल छा गए और तेज बारिश ने लोगों को राहत दी।

मौसम वैज्ञान विभाग के अनुसार सोमवार और मंगलवार को भी हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि 25 सितंबर से बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर एरिया के एक्टिव होने की संभावना है, जिसके चलते मध्य प्रदेश में तेज बारिश का दौर शुरू होगा। यह सिस्टम दो से तीन दिन तक असर दिखा सकता है और इसके बाद मानसून की विदाई की प्रक्रिया शुरू होगी।

प्रदेश में मानसून ने 16 जून को प्रवेश किया था, तब से अब तक औसतन 43.8 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर 36.3 इंच बारिश होने पर राज्‍य का मानसूनी कोटा पूरा हो जाता है, यानी अपेक्षा से अधिक अब तक प्रदेश में 7.5 इंच अधिक पानी गिर चुका है।

ग्वालियर और चंबल संभाग में मानसून ने जमकर बरसात की। यहां के आठों जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में सामान्य से अधिक पानी गिर चुका है। पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तो मानसून की शुरुआत से ही स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे और कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़ और उमरिया जैसे जिलों में तेज बारिश और नदियों के उफान के कारण मुश्किलें भी बढ़ीं।

दूसरी ओर इंदौर संभाग की शुरुआत कमजोर रही और यहां सामान्य बारिश को लेकर आशंकाएँ बनी रहीं। लेकिन सितंबर में हुई तेज बारिश से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। हालांकि बड़वानी, खरगोन और खंडवा जैसे जिलों में हालात अभी भी कमजोर हैं। उज्जैन संभाग में भी स्थिति संतोषजनक नहीं है और शाजापुर अब भी सबसे कम बारिश वाले जिलों में दूसरे नंबर पर बना हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर के अंतिम सप्ताह में होने वाली यह बारिश खरीफ की फसलों के लिए वरदान साबित होगी। सोयाबीन, धान और मक्का जैसी फसलों को अंतिम दौर की सिंचाई मिल जाएगी। वहीं जहां ज्यादा बारिश होगी, वहां कटाई में थोड़ी देरी भी हो सकती है। दूसरी ओर मानसून की विदाई की शुरुआत अक्टूबर के पहले सप्ताह से मानी जा रही है।

—————

(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

Most Popular

To Top