
रेवाड़ी, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । नगर निगम बनने के लिए जरूरी आबादी न होने के कारण रेवाड़ी शहर का नगर निगम बनने का सपना अभी अधूरा रह गया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने नगर निगम के लिए रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें स्पष्ट हुआ है कि शहर की जनसंख्या अभी पर्याप्त नहीं है।
रेवाड़ी नगर परिषद के ईओ सुशील भुक्कल ने बुधवार को बताया कि नगर निगम को लेकर कुछ बिंदुओं पर शहर की रिपोर्ट मांगी गई थी। रेवाड़ी शहर की आबादी करीब एक लाख 86 हजार है। जबकि नगर निगम के लिए शहर की आबादी कम से कम तीन लाख होनी चाहिए।
ज्ञात हो कि अंग्रेजों के जमाने में रेवाड़ी एक नगर पालिका हुआ करती थी। पूर्व विधायक रघु यादव ने वर्ष 1987 में राव तुलाराम पार्क में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल के समक्ष रेवाड़ी को अलग जिला बनाने की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री ने विधायक की मांग पर एक नवंबर 1989 को रेवाड़ी को नया जिला घोषित किया था। अलग से जिला बनने के बाद वर्ष 1994 में रेवाड़ी को नगर पालिका से नगर परिषद बनाया गया। जुलाई 1995 में रेवाड़ी नगर परिषद के पहली बार चुनाव हुए। चुनाव की घोषणा के समय 22 वार्ड पर चुनाव होने की घोषणा की गई, लेकिन बाद में 24 वार्ड के चुनाव कराए गए थे। इसके बाद तीन वार्ड बंदी के साथ रेवाड़ी नगर परिषद के अब वार्ड 31 हो गए हैं।
वहीं पहले चुनाव के समय रेवाड़ी नगर परिषद की आबादी 96 हजार व 22 वोट हुआ करते थे। लेकिन वर्तमान समय में रेवाड़ी नगर परिषद की आबादी लगभग एक लाख 86 हजार है। वहीं करीब एक लाख 20 हजार मतदाता नगर परिषद से जुड़े हुए हैं। रेवाड़ी के नगर परिषद बनने के बाद तेजी से विस्तार हुआ है। वर्ष 1995 में रेवाड़ी शहर में केवल एक सेक्टर व कॉलोनियां थी। रेवाड़ी नगर परिषद से सेक्टर तीन, सेक्टर चार, सेक्टर पांच, सेक्टर 18, सेक्टर 19 व सेक्टर 21 जुड़ गए हैं। रेवाड़ी नगरपालिका से नगर परिषद बनने के बाद काफी बदलाव हुए हैं।
गौरतलब है कि रेवाड़ी नगर परिषद के प्रतिनिधियों ने भी रेवाड़ी को नगर निगम बनवाने के लिए प्रयास नहीं किए। नगर परिषद हाउस के द्वारा भी रेवाड़ी को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव तक पास नहीं किया गया। जबकि परिषद की वर्ष 1995 में पहली चेयरपर्सन सरोज भारद्वाज बनीं थीं। वहीं वर्ष 1996 में सुचित्रा चांदना। इसके बाद वर्ष 2002-05 तक हरीश अरोड़ा नगर परिषद के प्रधान रहे। विजय राव 2005-10 तक नगर परिषद के प्रधान रहे। इसके बाद तीन साल तक चुनाव नहीं हुए। वर्ष 2013 में शंकुतला भांडोरिया चेयरपर्सन बनी। वर्ष 2017 में विनीता पीपल ने कमान संभाली। इनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद तीन साल तक चुनाव नहीं हो पाए। वर्ष 2020 में हुए चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी पूनम यादव नगर परिषद की चेयरमैन चुनी गई। पूनम यादव का कार्यकाल जनवरी 2026 तक है।
—————
(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला
