सोनमर्ग, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने शनिवार को कहा कि लद्दाख के लोग अब 2019 के उस फैसले के परिणामों का सामना कर रहे हैं जिसने इस क्षेत्र को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया था। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनकी लंबे समय से चली आ रही माँगों पर केंद्र सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
नीलग्राथ सोनमर्ग में पत्रकारों से बात करते हुए रूहुल्लाह ने कहा कि लद्दाखी पिछले पाँच सालों से शांतिपूर्ण तरीके से राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा उपायों की माँग कर रहे थे लेकिन उनकी अपील अनसुनी कर दी गई। उन्होंने कहा कि लेह में हुई हालिया हिंसक घटना का इस्तेमाल उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।
रूहुल्लाह ने कहा कि लेह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का दुरुपयोग उनके संघर्ष को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के बजाय, उन्हें बदनाम किया जा रहा है। देशभक्तों को राष्ट्र-विरोधी कहना अनुचित है। अगर वे जम्मू-कश्मीर में फिर से शामिल होना चाहते हैं तो हम उनके साथ हैं। अगर वे छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा चाहते हैं तो हम भी उनके साथ हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग लद्दाख को पूरा समर्थन देते हैं।
नई दिल्ली की आलोचना करते हुए सांसद ने कहा कि सत्तारूढ़ सरकार लोगों की आवाज़ पर बहुत कम ध्यान देती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों को जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं की ज़रा भी परवाह नहीं है। हमारी माँगें राज्य के दर्जे से भी आगे जाती हैं। हम विशेष दर्जे की बहाली भी चाहते हैं। जब हम लोकतांत्रिक तरीके से ये मुद्दे उठाते हैं तो सरकार कम से कम उनकी बात तो सुन ही सकती है।
रुहुल्लाह ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के हालिया बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में भाजपा को सत्ता से दूर रखने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में दोबारा सत्ता में न आए। लोगों ने अपना जनादेश दिया है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
