
जयपुर, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने वन भूमि पर अतिक्रमण से जुड़े मामले में कानून व व्यवस्था खराब होने का हवाला देते हुए अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर भरतपुर जिला कलेक्टर को 14 अक्टूबर को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए पेश होने के लिए कहा है। वहीं कलेक्टर को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि उन्होंने 23 मार्च 2021 के आदेश की पालना और 4 मई 2022 की मीटिंग में लिए निर्णयानुसार कार्रवाई क्यों नहीं की। जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल व जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश रामशरण की अवमानना याचिका पर दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से मौजूदा स्थिति और मामले में आयोजित की गई मीटिंग पर की कार्रवाई का ब्यौरा देने के लिए समय मांगा। इस पर अदालत ने जिला कलेक्टर को अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर अपना जवाब देने को कहा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अतिक्रमण को लेकर याचिकाकर्ता को पीसीपीएल कमेटी के समक्ष अभ्यावेदन देने और कमेटी को उसका अभ्यावेदन तय करने का निर्देश दिया था। जिला कलेक्टर की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना कि वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है और उप वन संरक्षक ने इसकी पुष्टि कर दी है। इस मामले में अतिक्रमियों के खिलाफ तीन बार एफआईआर भी दर्ज करा दी है। वन विभाग, पुलिस व स्थानीय प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की मंशा भी है, लेकिन पूर्व में कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हुई थी। इसलिए प्रशासन ने मामले में बिन्दुवार रिपोर्ट आने पर ही अग्रिम कार्रवाई का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि कानून व्यवस्था खराब होने का हवाला देकर आदेश की पालना नहीं की गई है। इसलिए अदालती आदेश की पालना कराई जाए।
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(Udaipur Kiran)
