

धमतरी, 15 जून (Udaipur Kiran) । धमतरी में रथ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। 27 जून को उत्साह और उमंग के साथ शहर में रथ यात्रा निकाली जाएगी। मंदिर के रंग-रोगन के साथ ही कार्यक्रम की रूप-रेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष किरण कुमार गांधी ने बताया कि, धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं के अनुरूप इस साल भी महाप्रभु भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। 19 जून को सुबह 10.30 बजे महाप्रभु को महास्नान कराने की रस्म की जाएगी।
मंदिर समिति के सदस्य किरण कुमार गांधी, श्याम अग्रवाल, लखमशी भाई भानुशाली, सत्यनारायण राठी, मोहन अग्रवाल ने बताया कि 19 जून को महाप्रभु भगवान जगन्नाथ को महास्नान कराया जाएगा। इसके बाद 22 जून से 25 जून तक उन्हें औषधि युक्त काढ़ा का भोग लगाया जाएगा। मंदिर परिसर में सुबह साढ़े सात बजे से प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं को इसका वितरण भी होगा। 26 जून से सुबह नौ बजे से हवन-पूजन का कार्यक्रम शुरू होंगे। इसके बाद श्रीमहाप्रभु की मूर्ति की पुनः गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। 27 जून को भव्य रूप से न भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा न निकाली जाएगी। इस दौरान नौ क्विंटल गजामूंग प्रसादी का वितरण रूभक्तों को किया जाएगा। रथयात्रा के पूर्व महाप्रभु भगवान जगन्नाथ के रथ को फूलों से सजाया जाएगा। पूजा-अर्चना के बाद 27 जून को महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को रथ विराजमान कर रथयात्रा निकाली जाएगी। यह रथ यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए गौशाला मैदान जनकपुर पहुंचेगी। यहां 11 दिन विश्राम करने के बाद पुनः जनकपुर से भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का मंदिर के गर्भगृह में वापसी होगी।
धमतरी शहर में जगदीश मंदिर का इतिहास लगभग सौ साल से अधिक पुराना है। यहां उड़ीसा के कारीगर द्वारा नीम की लकड़ी से बनी महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ ही श्रीसुदर्शन चक्र की प्रतिमा स्थापित है। मान्यता है कि श्रद्धालु यहां सच्चे मन से जो भी मनोकामना करते हैं, उसे भगवान अवश्य पूरा करते हैं। यही वजह है कि महाप्रभु जगन्नाथ के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। इस साल भी 27 जून को शहर में भव्य रथयात्रा का आयोजन होगा। इसके लिए मंदिर समिति के सदस्य तैयारी में जुट गए हैं।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
