
कानपुर, 21 जून (Udaipur Kiran) । सरकार का उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुँचाना है। यह तभी संभव है जब व्यवस्थाएं पारदर्शी, सक्रिय और समयबद्ध हों। प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि जनता को सहज, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। यह बातें शनिवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कही।
जिलाधिकारी ने कैंट स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया। इस दौरान वहां उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं, चिकित्सकीय व्यवस्थाओं तथा पंजीकरण अभिलेखों की वस्तुस्थिति को भी जांचा। केंद्र पर एक प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं 13 स्वास्थ्य कर्मी तैनात हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अनामिका वर्मा सीसीएल अवकाश पर थीं। शुजातगंज की एमओआईसी को अस्थायी रूप से प्रभारी नामित किया गया है। साथ ही उपस्थिति पंजिका के अनुसार वे एक दिन भी स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं आयी। जिलाधिकारी ने यह अपेक्षा व्यक्त की कि प्रभारी अधिकारी केंद्र पर नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करें, जिससे समन्वय और सेवाओं की गुणवत्ता बनी रहे।
इस दौरान फार्मासिस्ट आयुषी अनुपस्थित पाई गई, जिनके सम्बंध में एक दिन का वेतन रोके जाने हेतु निर्देशित किया गया। यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि सभी कार्मिक नियमित रूप से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें, जिससे सेवाओं की सतत उपलब्धता बनी रहे।
टीकाकरण कक्ष के निरीक्षण के समय मौके पर दो बच्चों का पंजीकरण दर्ज पाया गया। जिलाधिकारी ने टीकाकरण कार्य की गति और पंजीकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने ओपीडी पंजिका, औषधि वितरण रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर, आरोग्य मेला पंजिका एवं उपस्थिति पंजिका सहित विभिन्न अभिलेखों का अवलोकन किया। आरोग्य मेला पंजिका के अनुसार ज्ञात हुआ कि 18 मई के उपरांत किसी आरोग्य मेले का आयोजन नहीं हुआ है। जिलाधिकारी ने इस पर संबंधित अधिकारियों से संवाद कर आगामी मेले नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
