
श्रीनगर 27 जून (Udaipur Kiran) । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के बादामी बाग कैंट स्थित चिनार ऑडिटोरियम में विशेष राष्ट्रीय एकता शिविर में राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेटों से बातचीत की।
अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने देश के विभिन्न हिस्सों से युवाओं को जम्मू-कश्मीर की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से परिचित कराने और विविधता में एकता का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करने के लिए विशेष राष्ट्रीय एकता शिविर आयोजित करने के लिए एनसीसी निदेशालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, मुख्यालय 15 कोर और मुख्यालय 31 सब एरिया की सराहना की।
उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय कैडेट कोर युवा मस्तिष्कों को आकार देता है और गर्व से समाज और राष्ट्र की सेवा करता है। एनसीसी कैडेटों ने सामाजिक प्रगति की चुनौतियों के प्रति साहस और नवीन दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया है। अनुशासन, टीम वर्क, नेतृत्व और समर्पण जैसे अमूल्य मूल्यों ने एनसीसी कैडेटों को बेहतर भविष्य बनाने में मदद की है।
उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए देश के सबसे बड़े और सबसे गतिशील युवा संगठनों में से एक राष्ट्रीय कैडेट कोर के अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एनसीसी ने राष्ट्र के सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा दिया है।
उपराज्यपाल ने कहा कि मैं एनसीसी के प्रतिभाशाली युवा पुरुषों और महिलाओं को भारत की प्राचीन सभ्यता के संरक्षक के रूप में देखता हूं। साथ ही इस विशेष राष्ट्रीय एकता शिविर में भाग लेने वाले देश भर के एनसीसी कैडेट जम्मू और कश्मीर के ब्रांड एंबेसडर बनेंगे। उपराज्यपाल ने युवाओं से ’राष्ट्र प्रथम’ की भावना को विकसित करने और लोगों को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि युवा हमारे उज्जवल भविष्य की आशा हैं। युवा किसी भी क्षेत्र और सरकार के लिए सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं। युवा समाज में बदलाव के सच्चे उत्प्रेरक हैं। युवाओं को एनसीसी के गहन मूल्यों अनुशासन, एकता, नेतृत्व और निस्वार्थ सेवा को आत्मसात करना चाहिए और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विशेष राष्ट्रीय एकता शिविर के माध्यम से यह संदेश भी दिया जाना चाहिए कि जमीनी स्तर पर नियोजन और विकास प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि सामाजिक-आर्थिक विकास पूरी तरह से साकार हो सके। एनसीसी को प्रशासन और युवा आकांक्षाओं के बीच एक सेतु के रूप में देखा जाना चाहिए।
एनसीसी के नेटवर्क और संपर्क का लाभ उठाकर हम विभिन्न राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। उपराज्यपाल ने आगे कहा कि यह विशेष शिविर युवा-नेतृत्व वाले विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में हुई प्रगति पर विचार करने और भविष्य के लिए रोडमैप तैयार करने का भी अवसर है।
उपराज्यपाल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एनसीसी कैडेटों के उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे एनसीसी कैडेट कठिन समय के दौरान मौके पर खड़े हुए। सीमावर्ती जिलों में राहत शिविरों में अपनी निस्वार्थ सेवा के अलावा उन्होंने सक्रिय रूप से रक्तदान अभियान भी आयोजित किए।
इन सराहनीय कार्यों के माध्यम से उन्होंने निश्चित रूप से एनसीसी की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। इस अवसर पर एनसीसी कैडेटों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं जिसमें भारत की समृद्ध और विविध संस्कृतियों का जीवंत प्रदर्शन किया गया। शिविर में देशभर से 340 कैडेट और एनसीसी अधिकारी भाग ले रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
