
शिमला, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सोमवार को कांगड़ा जिले के पंजाब से सटे सीमावर्ती इलाकों में अवैध खनन का मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। फतेहपुर के विधायक भवानी सिंह पठानिया ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, जिससे हिमाचल को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इस पर जवाब देते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इसे पंजाब सरकार के साथ उठाया जाएगा। साथ ही इस मामले को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में भी ले जाया जाएगा, ताकि कानूनी स्तर पर कार्रवाई की जा सके।
उद्योग मंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का फायदा उठाकर पंजाब के लोग हिमाचल क्षेत्र में अवैध खनन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब के कई अवैध क्रशर हिमाचल की भूमि पर चल रहे हैं और खनन कर रहे हैं। इससे न केवल प्राकृतिक संसाधनों की लूट हो रही है, बल्कि प्रदेश की आय को भी भारी नुकसान हो रहा है। मंत्री ने कहा कि नूरपुर पुलिस ने कई बार ऐसे लोगों को पकड़ा भी है, लेकिन सीमा का सीमांकन स्पष्ट न होने के कारण उन्हें छोड़ना पड़ा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में खनन पूरी तरह से नियमों के अनुसार होता है, जबकि पंजाब और उत्तराखंड में खनन के नाम पर नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। इस कारण वहां से आने वाले लोग हिमाचल में अवैध तरीके से खनन करने में सफल हो रहे हैं।
इससे पूर्व विधायक भवानी सिंह पठानिया ने विधानसभा में शाहनहर बैराज के पास चल रहे अवैध क्रशर का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इस क्रशर को न तो हिमाचल और न ही पंजाब सरकार से अनुमति मिली है, लेकिन यह बैराज के गेट पर चल रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस क्रशर पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई तो किसी भी समय बैराज को नुकसान पहुंच सकता है और हिमाचल व पंजाब के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि चक मीरपुर में सात अवैध क्रशर चल रहे हैं, जो लगातार खनन कर रहे हैं। इससे इंदौरा तहसील के निचले क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या और बढ़ गई है। विधायक ने सरकार से सख्त कदम उठाने और प्रदेश के हितों की रक्षा करने की मांग की।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
