बेरूत, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शराआ ने शनिवार को दक्षिणी प्रांत सुवैदा में ड्रूज लड़ाकों के साथ हुई हिंसक झड़पों को समाप्त करने के लिए सुन्नी मुस्लिम बेदुईन कबीलों से संघर्षविराम का “पूर्ण रूप से पालन” करने की अपील की है। यह झड़पें चार दिनों तक चलीं और इसमें सैकड़ों लोगों की जान गई, जिससे युद्धोत्तर संक्रमणकालीन प्रक्रिया खतरे में पड़ गई थी।
राष्ट्रपति अल-शराआ ने अपने दूसरे टेलीविजन संबोधन में ड्रूज़-समर्थित सुवैदा के सशस्त्र गुटों को हिंसा के फिर से भड़कने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बेदुईनों और उनके परिवारों पर बदले की कार्रवाई ने हालात को फिर से बिगाड़ दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इज़रायल की सैन्य कार्रवाई ने देश को “एक खतरनाक मोड़” पर ला खड़ा किया है।
राष्ट्रपति शराआ ने दोहराया कि “सुवैदा सीरियाई राज्य का अभिन्न हिस्सा है और ड्रूज़ समुदाय सीरिया के राष्ट्रीय ताने-बाने का एक मजबूत स्तंभ है।” उन्होंने अमेरिका, अरब देशों और तुर्की को इस कठिन समय में सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया।
अपने संबोधन में उन्होंने बेदुईनों से कहा, “आप राज्य की भूमिका को नहीं निभा सकते। सुरक्षा बहाली और व्यवस्था लागू करना केवल सरकार की ज़िम्मेदारी है।” उन्होंने बेदुईनों की “वीरता” की सराहना करते हुए उनसे संघर्षविराम के तहत राज्य के आदेशों का पालन करने की अपील की।
दूसरी ओर, सुवैदा में प्रभावशाली ड्रूज़ धर्मगुरु शेख हिकमत अल-हिजरी, जिन्होंने मंगलवार और बुधवार को घोषित संघर्षविरामों से खुद को अलग कर लिया था, ने कहा कि गारंटर देशों की निगरानी में जो समझौता हुआ है उसमें संघर्ष कम करने के कई प्रावधान शामिल हैं। इनमें सीमाई गांवों में 48 घंटे तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक, प्रशासनिक सीमा के बाहर चेकपोस्ट की तैनाती और अब भी फंसे बेदुईन नागरिकों को सुरक्षित निकासी की गारंटी शामिल है।
इससे पहले, अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक ने शनिवार तड़के घोषणा की कि इज़रायल और सीरिया के बीच संघर्षविराम पर सहमति बन गई है। हालांकि, राष्ट्रपति अल-शराआ ने इस समझौते का सीधा ज़िक्र नहीं किया, लेकिन यह स्वीकार किया कि “अमेरिकी और अरब मध्यस्थताओं” ने स्थिति को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
