Uttar Pradesh

उप्र के जौनपुर में तैयार स्वदेशी दीपक दीपावली में अमेरिका को करेगा रोशन

मिल्की स्वयं सहायता समूह की मुस्लिम महिलाएं दिए बनाते हुए
तिरंगे के रूप में सजे दिए
दियो को सजाते हुए महिलाएं
दिए बनाते हुए मिल्की स्वयं सहायता समूह की मुस्लिम महिलाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील से ‘वोकल फॉर लोकल’ को मिली नई राह से समूह की महिलाओं को बढ़ा आर्थिक लाभ

जौनपुर,14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के जौनपुर में ग्रामीण स्वयं सहायता समूहाें (एसएचजी) की महिलाएं दीपोत्सव पर्व दीपावली में चार चांद लगाने के लिए अपना योगदान देने में जुटी हुईं हैं। यहां जलालपुर के महिमापुर गांव में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हुए मिल्की स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष जफरून एजाज काे मिलाकर 7 मुस्लिम और 5 हिन्दू समेत कुल 12 महिला सदस्यों के साथ मिलकर आकर्षक और लगभग दो घंटे जलने वाला मिट्टी मोम का दीपक बना रही हैं। समूह के तैयार दीपक घर-घर काे दीपावली की राेशनी से गुलजार करने काे तैयार हैं।

(Udaipur Kiran) से बात करते हुए समूह की अध्यक्ष ने कहा कि मिट्टी और माेम के दीयाें की भारतीय मूल के अमेरिकी निवासी प्रकाश खिलानी बीते 3 वर्षाें से मांग कर रहे थे। इस वर्ष मार्च माह में वे भारत आए थे, तब लखनऊ के एक होटल में मेरे पति एजाज अहमद काे अमेरिकन डॉलर देकर 50 दीपक सैंपल के ताैर पर ले गए हैं, जाे इस बार दीपावली पर्व पर वहां जगमग राेशनी से पर्व की खुशियाें काे चार चांद लगाएंगे। उन्हें इस बात का बड़ा हर्ष और गर्व है कि अपने देश की मिट्टी की पूजा दीये के रूप में अमेरिका में की जाएगी।

समूह की अध्यक्ष ने बताया कि वे मिट्टी का दीया अपने हो ग्राम संगठन के जय मा दुर्गा स्वयं सहायता समूह की सदस्य से बनवाती हैं और उसके बाद 7 स्टेप में और 13 आईटम को मिलाकर इन दीयाें काे पूरी तरह से तैयार किया जाता है, तब जाकर इसमें खूबसूरती आती हैं। ये हम महिलाओं के लिए बड़ी बात हैं कि अधिकारी इस दीयों की मांग कर रहे हैं और इसकी मांग बढ़ती ही जा रही है। अब लोग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाते हैं तो जौनपुर से दीया ले जाते हैं। यह दीया दीपावली के अलावा अब लगभग हर महीने बिकते हैं। ये हमारे महिमापुर गांव के लिए गर्व की बात है कि समूह में तैयार दीये ने पूरे जिले का मान बढ़ाया है। ये दीया उच्च गुणवत्ता वाले पदार्थों में मिशन निदेशालय उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन द्वारा चुना गया है। इस बार दीये का स्टाल यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेला में बीआरपी कॉलेज मैदान में 14 से 18 अक्टूबर को लगाया जाएगा।

तिरंगे रंग में रंगा दीपक, बना आकर्षण का केंद्र

केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत मुस्लिम महिलाएं भी बिना तेल से जलने वाले मिट्टी के दीपक में मोम से बने रंग बिरंगे व तिरंगे के कलर में दीपक बनाने का कार्य कर रही हैं। इस बार की दीपावली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश वासियों से स्वदेशी अपनाओ का आह्वान किया है। समूह की महिलाओं के हाथाें बना भारत के तिरंगे के रंग का दीपक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लोग इसकी ख़रीददारी भी कर रहे हैं।

स्वयं सहायता समूह को लीड कर रही जफरून एजाज बताती हैं कि हमारे समूह का नाम मिल्की स्वयं सहायता समूह है, इस समूह में उन्हें मिलाकर 12 महिलाएं कार्य करती हैं। सुबह 11 से कार्य शुरू करती हैं और शाम 5 बजे तक सभी मिलकर कार्य करती हैं। इनमें उनके (जफरून एजाज) के अलावा रिहाना, चांद तारा,नजबुन, सोफिया, जौहरी, इंदु बाला, बिशाखा, सुभावती, सीमा, शमा परवीन शामिल हैं। जफरून ने बताया कि हम सभी महिलाएं पिछले तीन वर्ष से यह कार्य कर रहे हैं। दीपावली को ध्यान में रखते हुए हमने आकर्षक मिट्टी माेम के दीपक काे बनाया है। लगभग अभी 15 हज़ार से ज्यादा दीयों का आर्डर है। उन्हाेंने बताया किजौनपुर से ही नहीं मुंबई से भी इसका आर्डर मिला है। उन्हाेंने बताया कि जब से हम लोग यह कार्य कर रहे हैं हर वर्ष इनकम में बढ़ोतरी हो रही है। जहां पहले वर्ष में मात्र एक हज़ार दीये बनाये थे, इस बार 15 हज़ार से अधिक दीये बना रहे हैं। इस काम में प्रत्येक महिला काे लगभग 10 हज़ार की इनकम हो जाती है। पहले इस कार्य को हम लोगों ने अपने बचत के रुपयों से शुरु किया था। उसके बाद सरकार की तरफ से एक लाख 10 हजार रुपये की मदद मिली, जिसे हम लोगों ने इस कार्य में लगाया। उन्हाेंने बताया कि जो दीये बनाने में मिट्टी का दीपक हम प्रयाेग में लाते हैं वह एक दूसरे समूह से खरीदते हैं, जिससे उसकी भी इनकम हो जाती है।

जफरून बताती हैं कि सरकार की स्वदेशी अपनाओ की पहल बहुत अच्छा है और यह दीपक पूरी तरह से स्वदेशी हैं। इसमें किसी तरह की कोई मशीनरी कार्य नहीं किया जाता है। यह शुद्ध स्वदेशी गांव की महिलाओं के हाथ का बना दीपक है। इसमें मिट्टी का दीया, मोम और कलर का उपयोग किया जाता है। जफरून ने बताया कि यह दीपक एक से डेढ़ घंटे से अधिक समय तक जलता है। एक दीपक 15 रुपये का बिकता है, लेकिन 12 दीयों का एक पैकेट 150 रुपये में बेचते हैं।जिस पर 200 रुपये का एमआरपी लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया है इसके लिए उनका बहुत बहुत धन्यवाद है। इससे उनके समूह में तैयार दीपकाें की डिमांड काे दीपावली में बढ़ा दिया है।———

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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