Chhattisgarh

धमतरी में धूमधाम से मनाई गई विश्वकर्मा जयंती, क़ई स्थानों पर स्थापित की गई है मूर्ति

बाम्बे गैरेज क्षेत्र में मोटर मेकेनिक संघ द्वारा भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित की गई।
भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हुए लोग।

धमतरी, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । भगवान विश्वकर्मा की जयंती 17 सितंबर को उत्साह और उमंग के साथ मनाई गई। निर्माणी श्रमिकों और कारीगरों के आराध्य देव भगवान विश्वकर्मा की जयंती को लेकर उत्साह का माहौल रहा। शहर के अलग-अलग स्थानों पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर पूजा की गई। शहर में मकई चौक के पास मजदूर यूनियन ने मूर्ति स्थापित कर पूजा की। इसी तरह बाम्बे गैरेज लाइन सोरिद में मोटर मेकेनिक संघ ने भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित की यहां पूजा अर्चना की गई। बीते कुछ सालों से भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर पूजा करने का चलन बढ़ा है। शहर के अलावा आसपास के गांवों में भी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित की गई। इसी तरह से विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर श्रमिक संघ द्वारा घड़ी चौक में मूर्ति स्थापित की गई। आयोजन में सभी राज मिस्त्री, पेटी ठेकेदार, रेजा, कुली सम्मिलित हुए। इस अवसर पर अध्यक्ष तिलक देवांगन, सचिव बंसी साहू, चंद्रहास यादव, छगन लाल, रमेश साहू, राजेंद्र साहू, सरस पटेल, शांति लाल सिन्हा, सतीश साहू, राजू रुपेश देवांगण, मोहन ध्रुव, संतोष, राजेश, रेखू धनराज, बल्लू साहु, विद्यासागर, उपस्थित थे।

ग्राम पंचायत देमार स्थित ओम इंजीनियरिंग वर्क्स शाप में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। पंडित की अगुवाई में विधि विधान से मूर्ति स्थापना के बाद पूजा अर्चना की गई। अंत में सभी को प्रसाद का वितरण किया गया। मालूम हो कि इस दिन कल कारखानों में मशीनों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन विश्वकर्मा भगवान की पूजा कर उनसे कारोबार में उन्नति का वरदान मांगा जाता है। दरअसल, भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है और यही वजह है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन उद्योगों और फेक्ट्रियों में मशीनों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। मान्यता है कि सोने की लंका का निर्माण उन्होंने ही किया था। इस अवसर पर संतोष सिन्हा सहित अन्य उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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