
-स्वीकृत संख्या के मुकाबले आधे पद रिक्त
प्रयागराज, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जजों के रिक्त पदों की जानकारी मांगी है।
न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने कहा कि पिछले छह महीनों से कई बार सूचीबद्ध होने के बावजूद इस मामले में कोई स्पष्ट निर्देश या जवाब दाखिल नहीं किया गया है। सुनवाई के दौरान याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नक़वी और अधिवक्ता शाश्वत आनंद ने कहा कि यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही है, बल्कि संवैधानिक जिम्मेदारी की खुली अवहेलना भी है। इस पर कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार और हाईकोर्ट प्रशासन के अधिवक्ताओं को एक सितम्बर को अगली सुनवाई से पहले आवश्यक निर्देश प्राप्त कर उसे प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश त्रिवेदी की जनहित याचिका में कहा गया है कि न्यायाधीशों के स्वीकृत 160 पद वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट में वर्तमान में चीफ जस्टिस सहित मात्र 80 न्यायाधीश कार्यरत हैं। जबकि यहां साढ़े 11 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। इस स्थिति को देखते हुए याचिका में सवाल उठाया गया है कि आधे पद खाली होने पर न्याय कैसे मिलेगा। याचिका में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या में वृद्धि की भी मांग की गई है। कहा गया है कि केवल रिक्तियों को भरना पर्याप्त नहीं, बल्कि राज्य की जनसंख्या और न्यायिक बोझ के अनुपात में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या में तत्काल और संरचनात्मक वृद्धि की आवश्यकता है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
