HEADLINES

निजी स्कूल में शिक्षा के अधिकार के प्रवेश में गड़बड़ी पर हाई कोर्ट सख्त, लोक शिक्षण संचालनालय के डायरेक्टर से मांगा शपथ पत्र में जवाब

ब‍िलासपुर हाईकोर्ट

बिलासपुर, 30 जून (Udaipur Kiran) । प्रदेश में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत ईडब्ल्यूएस और बीपीएल वर्ग के बच्चों का हक मारकर सही तरीके से प्रवेश न होने को लेकर हाईकोर्ट ने सुनवाई चल रही है। प्रदेश सरकार ने सोमवार को कोर्ट में बताया कि 2025 में 591 शिकायतें मिली हैं। वही कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने ये बात रखी के दुर्ग जिले के 74 बच्चों के एडमिशन गलत तरीके से हुए हैं। जिसमें बीपीएल और अंत्योदय कार्ड का गलत तरीके से उपयोग किया गया है। वहीं यह भी बताया कि वेबसाइट को हैक भी किया गया था। वहीं इन 74 मामलों में से 4 अलग-अलग बच्चों ने याचिकाकर्ता के रूप में कोर्ट में रिट याचिका लगाई है। जिसकी सुनवाई अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने राज्य सरकार का कुछ रखते हुए बताया कि 2024-25 में जो 31 शिकायत थी। जिनकी जांच कर समाधान किया गया है। वहीं इस याचिका से जुड़े मामले में अधिवक्ता संदीप दुबे ने हस्तक्षेप आवेदन लगाया है। जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई में जवाब पेश करने कहा है। अगली सुनवाई 11 जुलाई को रखी गई है।

उल्‍लेखनीय है कि भिलाई के वरिष्ठ समाज सेवी सीवी भगवंत राव ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की है। अधिवक्ता देवर्षि सिंह के माध्यम से दायर इस याचिका में पूर्व में चार दर्जन निजी स्कूलों को पक्षकार बनाया गया था। पहले हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने इन स्कूलों को नोटिस जारी किया था। आरटीई के तहत शिक्षा के अधिकार की यह कानूनी लड़ाई 2012 से जारी है। 2016 में हाई कोर्ट ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। मगर, निजी स्कूलों ने इन्हें सही ढंग से लागू नहीं किया। इस लापरवाही और अनियमितता को देखते हुए फिर से याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार और शिक्षा विभाग से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा प्रदेश में राइट टू एजुकेशन को लेकर के काफी शिकायत हैं।

6 मई 2025 को पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बैंच ने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई में आरटीई अधिनियम के तहत छात्रों के प्रवेश के संबंध में उनके द्वारा की गई शिकायतों के लिए उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जाए, जो विशेष रूप से दुर्ग जिले में नुकसानदेह स्थिति में हैं, न्यायालय की राय है कि याचिकाकर्ता द्वारा की गई शिकायतों की संख्या 48 है और 31 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है, 31 शिकायतों के निपटारे का रिकॉर्ड राज्य द्वारा अगली सुनवाई की तारीख तक इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा, शैक्षणिक वर्ष 2025 के लिए प्राप्त शिकायतों को भी इस न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा और संबंधित अधिकारी द्वारा उनका किस प्रकार निपटारा किया गया है, यह भी अगली सुनवाई की तारीख तक बताया जाएगा। जिसको लेकर 30 जून 2025 को सुनवाई हुई। जिसमें प्रदेश सरकार की तरफ से जवाब पेश किया गया है।

वहीं इस जनहित याचिका में 5 मार्च 2025 के आदेश के अनुपालन में सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, रायपुर ने अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर किया था। जिसमें प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं के संबंध में की गई शिकायतों और जिलों के संबंधित अधिकारियों के समक्ष लंबित शिकायतों के बारे में बताया। वहीं एक सारणीबद्ध चार्ट तैयार कर दायर किया गया। 6 मई 2025 प्रस्तुत किया गया कि राज्यस्तर पर प्रवेश के संबंध में कुल 1626 शिकायतें आरटीई के अंतर्गत 20 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1585 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है तथा 41 मामले विचाराधीन हैं। राज्य स्तरीय कार्यालय में 751 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 734 मामलों का निपटारा कर दिया गया है तथा 17 मामले विचाराधीन हैं। जिला स्तर पर आरटीई के अंतर्गत प्रवेश के संबंध में कुल 60 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 41 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है तथा 19 (जिला दुर्ग में 17 तथा बिलासपुर में 02) शिकायतें विचाराधीन हैं। अन्य मुद्दे पर केवल एक शिकायत बिलासपुर जिले में प्राप्त हुई तथा वह भी विचाराधीन है।

—————

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

Most Popular

To Top