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भाजपा कार्यकर्ता की हत्या मामले में हाई कोर्ट का आदेश : परेष पाल, स्वप्न समाद्दार और पापिया घोष के खिलाफ निचली अदालत में फिलहाल नहीं होगी सुनवाई

कलकत्ता हाई कोर्ट

कोलकाता, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । बेलियाघाटा के तृणमूल विधायक परेष पाल, कोलकाता नगर निगम के मेयर पार्षद (बस्ती) स्वप्न समाद्दार और 30 नंबर वार्ड की पार्षद पापिया घोष के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या मामले में दर्ज़ सीबीआई चार्जशीट पर निचली अदालत में फिलहाल कोई सुनवाई नहीं होगी। बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि जब तक अग्रिम ज़मानत पर निर्णय नहीं हो जाता या हाई कोर्ट से कोई नया निर्देश नहीं आता, तब तक निचली अदालत सुनवाई स्थगित रखे।

यह आदेश न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की पीठ ने दिया है। उन्होंने कहा कि निचली अदालत एक अगस्त तक या हाई कोर्ट के अगले निर्देश तक मामले की सुनवाई नहीं करेगी।

यह मामला साल 2021 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद हुई राजनीतिक हिंसा से जुड़ा है। आरोप है कि कांकुड़गाछी इलाके के भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद कर दी गई थी। परिजनों का आरोप है कि अभिजीत की गला दबाकर और पीट-पीटकर हत्या की गई थी।

शुरुआती जांच नारकेलडांगा थाने की पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी गई।

पुलिस ने सबसे पहले 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सितंबर 2021 में सीबीआई ने पहली अतिरिक्त चार्जशीट में 20 आरोपितों के नाम जोड़े, जिनमें से 15 नाम पहले की चार्जशीट में भी थे। फिर दो जुलाई 2025 को सीबीआई ने दूसरी अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल की, जिसमें तृणमूल विधायक परेष पाल का नाम प्रमुखता से शामिल किया गया।

इस अतिरिक्त चार्जशीट में कुल 18 आरोपितों को नामज़द किया गया है, जिनमें परेष पाल के अलावा मेयर पार्षद स्वप्न समाद्दार और पार्षद पापिया घोष के नाम भी शामिल हैं।

चार्जशीट में नाम आने के बाद सभी तृणमूल नेताओं ने हाई कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की अर्जी दी। बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई, जहां आरोपितों की ओर से कहा गया कि उन्हें राजनीतिक कारणों से और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के ज़रिए इस मामले में फंसाया गया है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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