
जयपुर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट के छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाने से जुड़े मामले में न्यायमित्र अभिनव शर्मा ने हाईकोर्ट में कहा कि जिस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) को लागू करने का बहाना बनाकर राज्य सरकार छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने की बात कर रही हैं। यह एजुकेशन पॉलिसी 2020 में ही लागू हो गई थी। उसके बाद भी सरकार ने 2022-23 का छात्रसंघ चुनाव करवाया था। ऐसे में सरकार अब पॉलिसी को लागू करने का केवल बहाना बना रही हैं। उन्होने कहा कि हाईकोर्ट की लार्जर बैंच के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि छात्रसंघ चुनाव छात्रों का मौलिक अधिकार हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एके शर्मा ने कहा कि यह याचिका मेंटिनेबल नहीं है। जिस छात्र ने याचिका दायर की है, वह चुनाव लड़ने के मामले में ओवरएज हो चुका हैं। यूनिवर्सिटी का प्रमुख काम गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना हैं और चुनाव कराना यूनिवर्सिटी की प्राथमिक ड्यूटी नही हो सकती हैं। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर सुनवाई 9 अक्टूबर तक टाल दी। गौरतलब है कि छात्र जय राव व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर छात्रसंघ चुनाव करवाए जाने का आग्रह किया है।
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(Udaipur Kiran)
