

बलिया, 29 जून (Udaipur Kiran) ।
अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक और अपने भजनों से हर घर की आवाज बन चुकीं गौरांगी गौरी ने वर्तमान दौर को हिन्दुओं के लिए स्वर्णिम काल बताया। उन्होंने कहा आज युवा भी अपने को सनातनी कहने पर गर्व की अनुभूति करता है। लोग मंदिरों में जा रहे हैं और कथाएं सुन रहे हैं।
शहर के श्रीराम विहार कालोनी में अपने एक शिष्य के यहां रविवार को आईं गौरांगी गौरी ने (Udaipur Kiran) से कहा कि सनातन प्राचीन है। यह आगे भी रहेगा। इसी से सारी चीजें शुरू हुई हैं। सनातन के खिलाफ बोलने वाले बहुत हुए, मगर उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। हां, दस साल पहले तक का एक समय था, जब हम हिन्दू कुछ बोल और कह नहीं पाते थे। आज की तरह बहुत कथाएं नहीं हो पाती थीं, लोग मंदिर भी जाना पसंद नहीं करते थे। लेकिन देखा जाए तो वर्तमान में हिन्दुओं का स्वर्णिम काल है। आज हम हिन्दू अपनी बातें रख सकते हैं। आज सनातन के लिए युवा भी आगे आ रहा है। युवा मंदिरों में जाने लगा है। कथाएं विस्तारित रूप से शहर से गांव तक चल रही हैं। दस-पंद्रह साल पहले और अब में बहुत अंतर आया है।
उन्हाेंने कहा कि आज हम अपने सनातन के लिए जितना चाहें कार्य कर सकते हैं। यह अच्छे तरीके से हो भी रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों में अच्छे संस्कार दिए जाने की जरुरत है। घर में जैसे संस्कार दिए जाते हैं, बच्चे उसे ही ग्रहण करते हैं। अपने आध्यात्मिक जीवन को लेकर भी उन्होंने बातें की। उन्होंने कहा कि बचपन में घर के देवी मंदिर में पूजा पाठ देख कर आध्यात्म की ओर अग्रसर हुई। उन्होंने 25 जुलाई को अयोध्या में चालीस एकड़ में बनने वाले आश्रम के भूमि पूजन के लिए लोगों को आमंत्रण दिया। कहा कि इसमें वृद्धाश्रम और बच्चियों के लिए शिक्षा का केन्द्र स्थापित किया जाएगा। जहां से सनातन संस्कृति को मजबूत करने वाली नारी शक्ति का निर्माण होगा। इस अवसर पर जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डा. सिद्धार्थ मणि दूबे ने गौरांगी गौरी को लकड़ी की हनुमान चालीसा भेंट की।
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(Udaipur Kiran) / नीतू तिवारी
