Uttar Pradesh

शासन का लक्ष्य आधुनिक शिक्षा को भारतीय ज्ञान परम्परा के फ्रेमवर्क में विद्यार्थियों तक पहुँचाना : जिलाधिकारी

कार्यक्रम के दौरान संबोधन करते जिलाधिकारी जितेंद प्रताप सिंह का छायाचित्र

कानपुर, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । शिक्षा के क्षेत्र में एक पुनर्जागरण की आवश्यकता को महसूस करते हुए सरकार ने भारतीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना की है। इसका उद्देश्य आधुनिक शिक्षा को भारतीय ज्ञान परम्परा के फ्रेमवर्क में विद्यार्थियों तक पहुँचाना है। इस बोर्ड से मुझे उच्च स्तरीय शैक्षिक गुणवत्ता की अत्यंत आशाएं हैं। यह पहल भविष्य में भारत को ज्ञान आधारित महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में निर्णायक भूमिका निभाएगी। यह बातें रविवार को जिलाधिकारी जितेंद प्रताप सिंह ने कही।

बीएनएसडी शिक्षा निकेतन बेनाझाबर में एक ऐतिहासिक शैक्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन केंद्र सरकार द्वारा गठित भारतीय शिक्षा बोर्ड एक राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें जनपद के तमाम विद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य एवं वरिष्ठ शिक्षाविदों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

भारतीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना केंद्र सरकार ने इस उद्देश्य से की है कि भारत की समृद्ध ज्ञान परम्परा को आधुनिक शिक्षा पद्धति के साथ समन्वित कर विद्यार्थियों को एक ऐसी समग्र शिक्षा प्रदान की जा सके, जो केवल नौकरी तक सीमित न रहे। बल्कि उनके संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण करे। इस बोर्ड के पाठ्यक्रम निर्माण में देश के अग्रणी शिक्षाविदों, मनीषियों एवं नीति-निर्माताओं ने सहभागिता की है। यह बोर्ड राष्ट्रीय स्तर पर नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप शिक्षा में भारतीय दर्शन, मूल्य एवं परंपराओं का समावेश कर एक वैचारिक क्रांति लाने के लिए संकल्पित है। केंद्र सरकार द्वारा इसके संचालन का दायित्व पतंजलि योगपीठ को प्रदान किया गया है।

भारतीय शिक्षा पिछले 190 वर्षों से मैकाले द्वारा बनाए गए भारतीय शिक्षा अधिनियम के ब्लूप्रिंट पर ही आधारित है, जिसका उद्देश्य केवल नौकरी योग्य मानव संसाधन तैयार करना था। इस व्यवस्था ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को केवल उनकी नौकरी तक सीमित कर दिया है। लेकिन इतिहास नौकरी नहीं, बल्कि नेतृत्व करने वाले ही बनाते हैं। भारतीय शिक्षा परम्परा व्यक्ति के चरित्र, मूल्य, ज्ञान एवं चेतना—चारों आयामों का समग्र विकास करती है। भारतीय शिक्षा बोर्ड इन दोनों दृष्टिकोणों का समन्वय करते हुए एक ऐसे नागरिक का निर्माण करना चाहता है, जो न केवल ग्लोबल सिटिजन’₹ बल्कि यूनिवर्सल सिटिजन बन सके।

सम्मेलन में बीएसएपी के पदाधिकारी गौरव पांडेय, जया शुक्ला, समाजसेवी मीना द्विवेदी, शक्ति शुक्ला, कुसुम द्विवेदी, पिंकी साहू, पतंजलि योगपीठ के रजनीश सिन्हा, तथा नगर की पार्षद नीलम शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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