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नारेबाजी,हंगामे के बीच डेढ़ ही चली जयपुर ग्रेटर निगम की साधारण सभा की बैठक

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जयपुर, 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जयपुर ग्रेटर निगम की शुक्रवार को हुई आठवीं साधारण सभा की हंगामेदार रही। कांग्रेस पार्षद हाथों में तख्तियां लेकर टेबल पर चढ़ गए और जमकर नारेबाजी की। हंगामे के चलते एक बार सभा को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। स्थगन के बाद जब फिर से सभा शुरू हुई तो सभा में अपना पक्ष रखने को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।

साधारण सभा की यह विशेष बैठक थी जिसमें जीएसटी सुधार और वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा होनी थी। लेकिन, बैठक में चर्चा से ज्यादा हंगामा हुआ और इसके चलते डेढ़ घंटे ही बैठक को स्थगित करना पडाा। बैठक का समय सवा 12 बजे तय था, लेकिन सभा करीब एक बजे शुरू हुई। पौन घंटा देरी से शुरू सभा में शुरूआती दौर में पहले बोलने का मौका देने की बात को लेकर कांग्रसी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया।

बोलने का मौका नहीं मिलने पर कांग्रेसी पार्षद ने प्रस्ताव की प्रति फाड़ी

बैठक में जीएसटी को लेकर भाजपा पार्षद अपना पक्ष रख रहे थे और लगातार भाजपा के अलग-अलग पार्षदों को बोलने का मौका दिया जा रहा है। इसी बीच सभा में नहीं बोलने देने से नाराज होकर कांग्रेसी पार्षद और उपनेता प्रतिपक्ष करण शर्मा ने प्रस्ताव की प्रति फाड़ दी और वह सभा छोड़कर बाहर जाने लगे। इस पर कांग्रेसी पार्षदों ने उसे पकड़कर रोका और सभा में बैठने के लिए समझाइश की। समझाइश के बाद वे मान गए।

विकास के मुद्दे गौण, केंद्र की योजनाओं की तारीफ का केंद्र बनी साधारण सभा

नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी ने साधारण सभा के आयोजन को लेकर सवाल खडे किए और कहा कि क्या निगम की साधारण सभा की बैठक में केंद्र की योजनाओं का बखान किया जाना चाहिए। यह सभा शहर के विकास के मुद्दे को लेकर बुलाई जानी चाहिए। सिर्फ नम्बर बढ़ाने के लिए महापौर ने साधारण सभा बुलाकर फालतू का खर्चा कर दिया। राजीव चौधरी ने कहा कि जीएसटी पर चर्चा करनी ही है तो आप कहीं पार्क, दुकान और आमजन के बीच जाकर कीजिए। सदन में शहर के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करो तो ज्यादा बेहतर रहेगा। इस बात पर बीजेपी के पार्षद सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। भाजपा पार्षदों की नारेबाजी के बाद कांग्रेस पार्षद भी वोट चोर गद्दी छोड़ जैसे नारे लगाने लगे। हाथों में तख्तियां लेकर कांग्रेस के पार्षद अपनी टेबलों पर चढ़ गए और जोर-जोर से नारे लगाने। दोनों तरफ से हंगामा बढ़ता देख मेयर सौम्या गुर्जर ने सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

हंगामे के दौरान कांग्रेसी पार्षदों की ओर से काला कपड़ा भी लहराया गया है। हालांकि बाद में काला कपड़ा छीन लिया गया। 10 मिनट बाद बैठक फिर शुरू हुई। कार्रवाई शुरू होने के बाद भाजपा पार्षदों ने एक-एक करके बोलना शुरू किया। तीन पार्षदों के बोलने के बाद कांग्रेस के पार्षदों में उन्हें नहीं बोलने देने की बात को लेकर हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस से पार्षद करण शर्मा इतने नाराज हुए कि उन्होंने प्रस्ताव की प्रति ही फाड़ दी। कांग्रेस के सभी पार्षदों का आरोप है कि अगर बीजेपी के ही पार्षदों को बोलने दिया जा रहा है तो हमें सदन में क्यों बुलाया है। सदन में बोलने नहीं देने के मुद्दे पर एक बार फिर से कांग्रेसी पार्षद गुस्सा हो गए। उन्होंने सदन में वापस हंगामा करते पेपर लहराए और टेबल कुर्सी पर खड़े हो गए। वहीं दूसरी और बीजेपी पार्षदों की ओर से पप्पू गांधी और पप्पू-पप्पू के नारे लगाए गए है। हंगामा बढता देख मेयर ने बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

पहले पीएम जिन्होंंने जो संकल्प लिया वो पूरा किया

विधायक कैलाश वर्मा साधारण सभा की कार्रवाई के शुरू होने से पहले बगरू विधायक कैलाश वर्मा ने सदन में बैठक की प्रस्तावना रखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले पीएम है जिन्होंने जो संकल्प लिया वो पूरा किया है। देश की 1.40 करोड जनता ने संकल्प को पूरा होता देखा है। जीएसटी का लाभ अंतिम पक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाया है। प्रतिनिधि वोट की ताकत से विकल्प को पूरा करने का माद्दा रखते है। आजादी के बाद नरेंद्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री है जिन्होंने हर संकल्प को पूरा किया है। जीएसटी सहित अन्य कामों के माध्यम से मोदी ने ताकतवर देशों को भारत की शक्ति दिखाई है। पहली बार किसी निगम की साधारण सभा में जीएसटी पर चर्चा उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने साधारण सभा मेंं कहा कि जीएसटी बदलते भारत का सबसे बड़ा सुधार है। जीएसटी को लेकर पहली बार किसी निगम की साधारण सभा की बैठक में चर्चा की जा रही है। जीएसटी कौसिंल में सभी राज्यों का प्रतिनिधि होता है। जीएसटी को मोदी सरकार ने गुड्स एंड सिम्पल टैक्स का रुप दिया है। पूर्व में लाए गए जीएसटी में खामियां और आमजन के साथ व्यापारियों के लिए परेशानी का काम किया है। जीएसटी से 2.5 लाख करोड़ का लाभ आमजन नागरिकों आगामी दिनों में मिलेगा। सम्बोधन के दौरान उपमहापौर ने विधायक का नाम कैलाश शर्मा बोल दिया था पार्षदों ने इशारा करने पर उपमहापौर ने क्षमा मांगते हुए नाम को दुरुस्त किया।

बिना मांगे दिया विकास का बजट, कांग्रेस पार्षद काम ही नहीं करना चाहते

महापौर साधारण सभा के बाद मीडिया से बातचीत में महापौर ने कहा कि हमने बिना मांगे ही विकास को लेकर कांग्रेसी पार्षदों को बजट दिया है। सबका साथ सबका विकास की भावना के साथ काम किया जा रहा है,लेकिन कांग्रेसी पार्षद सो रहे है वे काम ही नहीं करना चाहते है। महापौर एक निगम बनाने को लेकर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। विकास के लिए पहली साल में प्रत्येक पार्षद को 55 लाख, दूसरी साल 80 लाख, तीसरी साल 1.10 करोड़ और चौथी साल में 50 लाख रुपये का बजट दिया गया।

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(Udaipur Kiran) / राजेश

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