
शिमला, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इस बार खास होने जा रहा है। सत्र का शुभारम्भ सोमवार 18 अगस्त को अपराह्न 2 बजे होगा और 2 सितम्बर तक चलेगा। यह चौदहवीं विधानसभा का नौवां सत्र होगा और इसमें कुल 12 बैठकें आयोजित की जाएंगी।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरूवार को पत्रकार वार्ता में ये जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि विधानसभा के इतिहास में यह अब तक का चौथा सबसे बड़ा मानसून सत्र है। इससे पहले वर्ष 1962 में प्रथम विधानसभा में 13 बैठकें, वर्ष 1968 में द्वितीय विधानसभा में 15 बैठकें तथा वर्ष 2009 में 11वीं विधानसभा में 17 बैठकें आयोजित की गई थीं।
अध्यक्ष ने बताया कि 14वीं विधानसभा में अब तक कुल 8 सत्रों में 73 बैठकें हो चुकी हैं और इस मानसून सत्र की 12 बैठकों के साथ कुल संख्या 85 बैठकों तक पहुँच जाएगी। 18 अगस्त को सत्र के पहले दिन शोकोदगार किए जाएंगे, जबकि 21 और 28 अगस्त के दिन गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस के लिए निर्धारित किए गए हैं।
मॉनसून सत्र के लिए मिले 830 सवाल
उन्होंने कहा कि इस सत्र के लिए अब तक सदस्यों से प्रश्नों से संबंधित कुल 830 सूचनाएँ विधानसभा सचिवालय को प्राप्त हुई हैं, जिनमें 679 तारांकित प्रश्न और 151 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। इन प्रश्नों को नियमानुसार सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त नियम 62 के तहत 10 सूचनाएँ, नियम 101 के तहत 6 सूचनाएँ और नियम 130 के तहत 12 सूचनाएँ भी सदस्यों से प्राप्त हुई हैं।
अध्यक्ष ने बताया कि इन प्रश्नों और सूचनाओं का मुख्य फोकस हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा और बाढ़ से हुए नुकसान, प्रभावित लोगों के पुनर्वास, आपदा से निपटने के लिए सरकार के प्रयास, स्कूलों का विलय, सड़कों और पुलों का निर्माण, विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पदपूर्ति, युवाओं में बढ़ते नशे के प्रयोग पर रोकथाम तथा कर्मचारियों की देनदारियों के भुगतान जैसे विषयों पर रहेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए 18 अगस्त को दोपहर 12 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। इसमें संसदीय कार्य मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, उप-मुख्य सचेतक हिमाचल सरकार तथा भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक भी शामिल होंगे। विधानसभा सचिवालय ने सत्र के आयोजन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
सत्र के हंगामेदार रहने के आसार, कई मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष
यह सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है। विपक्ष राज्य की खराब वित्तीय हालत, कानून व्यवस्था, नशा तस्करी, बेरोजगारी, अवैध खनन और सरकार की गारंटियों जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं सत्ता पक्ष कांग्रेस अपने ढाई साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाएगी और केंद्र सरकार की अनदेखी के मुद्दे पर विपक्ष को घेरने का प्रयास करेगी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
