
पलवल, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । मानसून की पहली तेज बारिश ने शहर की पूरी व्यवस्था की पाेल खाेल दी। बुधवार को करीब दो घंटे तक लगातार हुई बारिश और फिर दिनभर रुक-रुक कर होती बूंदाबांदी ने शहर को पूरी तरह जलमग्न कर दिया। शहर की अधिकांश सड़कें जलभराव के कारण तालाब बन गईं। निचले इलाके ही नहीं, पॉश कॉलोनियां भी पानी में डूब गईं।
जलनिकासी की कोई ठोस व्यवस्था न होने से लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। जगह-जगह शॉर्ट सर्किट से बिजली आपूर्ति भी बाधित रही, जिससे शहर दिन भर अंधेरे में डूबा रहा। तेज बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग, पुराना जीटी रोड, माल गोदाम रोड, रेलवे रोड, बस स्टैंड और सब्जी मंडी रोड पर जलभराव हो गया। सड़कें घुटनों तक पानी में डूबी रहीं। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, कमेटी चौक, अलीगढ़ पुल, सोहना रोड और हुडा चौक के आसपास बसी कॉलोनियों में भी यही हाल रहा।
बारिश के बीच घर से निकले लोग रास्ते में ही फंस गए, क्योंकि सड़कों पर गंदा पानी बह रहा था और वाहन उसमें बंद पड़ते नजर आए। कई जगह दोपहिया वाहन पानी में डूब गए, तो कई चार पहिया वाहन चालकों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रेलवे रोड, जो पहले से ही जलभराव की समस्या से जूझ रहा है, वहां स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई। एक घंटे के भीतर पूरा शहर मानो तालाब में बदल गया। नगर परिषद की ओर से जलनिकासी को लेकर कोई भी तैयारी नजर नहीं आई। बारिश रुकने के बाद भी कई घंटे तक सड़कों पर पानी जमा रहा, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शहर की मानी-जानी कॉलोनियां जैसे न्यू कॉलोनी और जवाहर नगर कैंप भी पानी में डूब गईं। यहां तक कि न्यू कॉलोनी में स्थित पावर हाउस भी तालाब का रूप ले चुका था। इससे शहर के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई। बारिश के कारण शॉर्ट सर्किट की घटनाएं सामने आईं, जिससे बुधवार सुबह से दोपहर बाद तक बिजली आपूर्ति ठप रही। बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई इलाकों में पानी की अधिकता के कारण लाइन में फॉल्ट आ गया है, जिसे सुधारने का काम जारी है।
शहरवासियों ने जलभराव की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर नगर परिषद और प्रशासन पर निशाना साधा। लोगों का कहना था कि मानसून से पहले नालों की सफाई और जलनिकासी की व्यवस्था के जो दावे किए गए थे, वो पहले ही दिन फेल हो गए। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा, अगर पहली बारिश में यह हाल है, तो पूरे मानसून का क्या हाल होगा? एक स्थानीय निवासी ने कटाक्ष करते हुए कहा, नगर परिषद को शहर के बजाय नावों की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / गुरुदत्त गर्ग
