
मीरजापुर, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । मां विन्ध्यवासिनी विश्वविद्यालय की पहली कार्यपरिषद बैठक ने विंध्य क्षेत्र की शिक्षा जगत को नई दिशा दी। वित्त समिति और विद्या परिषद के प्रस्तावों पर अंतिम मुहर लगने के साथ ही विश्वविद्यालय का भविष्य तय करने वाला यह दिन ऐतिहासिक पड़ाव बन गया। पहली कार्यपरिषद बैठक उच्च शिक्षा और शोध का नया गढ़ बनाने जा रही है।
चुनार के सुरभि शोध संस्थान में कुलपति प्रो. शोभा गौड़ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई पहली कार्यपरिषद बैठक ने संस्थान को नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ने का ठोस आधार दे दिया। बैठक में लिए गए फैसले केवल औपचारिक अनुमोदन नहीं थे, बल्कि विश्वविद्यालय की आगामी यात्रा के मील के पत्थर साबित होंगे। वित्त समिति और विद्या परिषद के प्रस्तावों को अंतिम हरी झंडी मिलते ही विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक और प्रशासनिक मजबूती की नई परिभाषा गढ़ दी। कुलपति प्रो. शोभा गौड़ ने कहा कि यह केवल बैठक नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय की चेतना का आरंभ है। बहुत जल्द यह संस्थान शिक्षा और शोध का ऐसा उत्कृष्ट केंद्र बनेगा जिस पर प्रदेश ही नहीं, पूरा राष्ट्र गर्व करेगा।
निर्णय भी ऐतिहासिक
नाम से ‘राज्य’ शब्द हटाना, कुलगीत और लोगो का लोकार्पण, शैक्षणिक कैलेंडर 2025-26 की मंजूरी, एनईपी-2020 आधारित विभाग, शोध अध्यादेश, समर्थ पोर्टल और स्नातक-परास्नातक प्रवेश व्यवस्था- सब कुछ विश्वविद्यालय की तेज रफ्तार विकास यात्रा की गवाही दे रहा है। सभी सदस्य बैठक में उत्साह के साथ मौजूद रहे और प्रगति की रफ्तार बढ़ाने वाले सुझाव दिए। सुरभि शोध संस्थान के निदेशक सूर्यकांत जलाना ने सदस्यों का स्वागत बच्चों द्वारा बनाए गए विशेष किट से किया, जिसने माहौल को और गरिमामय बना दिया।
बैठक के बाद कार्यपरिषद ने निर्माणाधीन विश्वविद्यालय परिसर का अवलोकन किया और वहां की गति देखकर गहरी संतुष्टि व्यक्त की।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
