Maharashtra

कुदरती कहर में आम लोगों का अग्नि शमन दल ही सहारा

Fire brigade only sport in natural calamity
Fire brigade only support in natural calamity

मुंबई,19जुलाई ( हि.स.)।ठाणे में दो महीनों की बारिश में प्रकृति ने जमकर कहर ढाया.था जब अचानकत .. पेड़ गिरे, या सड़कों पर तेल फैला, कहीं आग लगी, और मूसलाधार बारिश से सड़कें पानी में डूब गईं, उधर दीवारें ढह गईं और आम आदमी इन आफतों के साये में मुसीबत में फंस गया। लेकिन हर आफत के पीछे एक ‘अदृश्य हाथ’ था। ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ को मई से जुलाई के बीच मदद के लिए लगभग 1,100 कॉल आए है।

इन बीते दो महीनों में ठाणे में 300 से ज़्यादा पेड़ गिरे, 200 से ज़्यादा शाखाएँ टूटीं और 75 जगहों पर आग लगने की घटनाएँ हुईं। कहीं पानी भर गया, कहीं स्लैब गिर गया, कहीं गैस लीक हो गई, तो कहीं पेड़ों में फंसे पक्षियों के लिए मदद की पुकार आई। लेकिन एक भी कॉल अनसुनी नहीं हुई। आपदा प्रबंधन दल हर जगह मौजूद रहा और मदद के लिए आगे आया हाथ।

समय के साथ, शहर की कई सड़कें सीमेंट-कंक्रीट से बनीं, लेकिन इससे पेड़ों की जड़ें और जीवन दोनों ही क्षीण हो गए। इसलिए, बारिश में हल्की हवा चलने पर भी इधर-उधर पेड़ गिरने की आवाज़ सुनाई देती थी। मई में 112, जून में 139 और अकेले जुलाई के पहले हफ़्ते में 41 पेड़ गिरे। पेड़ों की टहनियाँ टूटने की 200 घटनाएँ हो चुकी हैं।

आज शहर में कई आपदाएँ आती रहती हैं: बड़ी आग, सड़क पर तेल फैलना, स्लैब गिरना, गैस रिसाव, कीचड़ में फँसे वाहन, नालियों का ओवरफ्लो होना… लेकिन आम आदमी इन आपदाओं से डरा हुआ है। ऐसे समय में, एक भरोसेमंद नाम याद आता है, ठाणे नगर निगम का आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ। प्रकोष्ठ और ठाणे अग्निशमन विभाग के कर्मचारी मिलकर मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं।

ठाणे मनपा उपायुक्त गजानन गोदेपुरे का कहना है कि इस प्रकोष्ठ में काम करने वाले कर्मचारी किसी भी समय, किसी भी परिस्थिति में दौड़ पड़ते हैं। कभी रात की कॉल पर, कभी तेज़ बारिश में दौड़ते हुए, कभी आग के धुएँ में घुसते हुए, तो कभी बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ जाते हैं। एक फँसे हुए पक्षी की मदद करना। यह सिर्फ़ उनका कर्तव्य नहीं, बल्कि उनका धर्म है।

आपदा प्रबंधन अधिकारी ठाणे यासीन एम तडवी ननीय आयुक्त सौरभ राव और अतिरिक्त आयुक्त 2 प्रशांत रोडे के मार्गदर्शन में, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के अधिकारी और कर्मचारी वर्ष भर सतर्कता से काम करते हैं। जब प्रकोष्ठ को किसी दुर्घटना के लिए मदद का आह्वान प्राप्त होता है, तो हमारे कर्मचारी, ठाणे अग्निशमन केंद्र के अधिकारी और अग्निशमन कर्मी मिलकर घटनास्थल पर मौजूद नागरिकों की मदद करते हैं और उन्हें खतरे से बाहर निकालते हैं। यह मदद पशु-पक्षियों को भी दी जाती है।

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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा

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