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कोरोना वैक्सीन और युवा लोगों में अचानक हार्ट अटैक को लेकर उठ रहे सवाल पर बोले विशेषज्ञ, कहा- इनके बीच कोई संबंध नहीं

आईसीएमआर

नई दिल्ली, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) । कोरोना वैक्सीन और युवा लोगों की अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों को लेकर उठ रहे सवाल को विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन और युवा लोगों में अचानक हृदय संबंधी मृत्यु के बीच कोई संबंध नहीं। आईसीएमआर के हाल ही में किए गए एक अध्ययन से यह स्पष्ट रूप से पता चलता है। उन्होंने कहा कि 18 से 45 वर्ष के लोगों में हार्ट अटैक से हो रही मौतों में 50 प्रतिशत से अधिक युवा धूम्रपान करने वाले होते हैं या फिर शराब पीने की लत होती हैं। कोई मधुमेह रोग से ग्रसित होते हैं या उनमें उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर होता है। निचले और मध्यम स्तर के लोगों में तम्बाकू चबाने की भी रिपोर्ट है, जिससे धमनियों में कसाव, वसा जमाव और थक्का बनने की समस्या होती है, जो कोरोनरी धमनियों को अवरुद्ध कर सकता है और दिल के दौरे का कारण बन सकता है।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि इन दिनों एक और बड़ा जोखिम है। भारी जिमिंग और बॉडीबिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड, हार्मोन और हर्बल सप्लीमेंट जैसे असत्यापित पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है। जिम जाना अच्छा है, लेकिन ऐसे पदार्थों का सेवन करते हुए अचानक तीव्र कसरत शुरू करना खतरनाक है। युवाओं को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को अपना वजन, रक्तचाप, शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बारे में ध्यान रखना चाहिए। यदि वे सीमा के भीतर न हों तो उन्हें सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए। हानिकारक आदतों से बचना चाहिए।

वहीं, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कोरोना टीकों का परीक्षण व्यवस्थित प्रयोगशाला अध्ययनों, पशु विषाक्तता अध्ययनों और नैदानिक ​​अध्ययनों के बाद किया गया था और वे वैज्ञानिक और सभी नियामक और बेंचमार्क मानदंडों को पूरा करते हैं। टीकों से जुड़ी अचानक मौतों की अफवाह फैल रही है और इसे व्यवस्थित रूप से संबोधित करने के लिए, आईसीएमआर ने एक अध्ययन किया था, जिसका परिणाम 2023 में प्रकाशित हुआ था। यह शोध 47 अस्पताल स्थलों में किया गया। इसमें अचानक मरने वाले 700 से अधिक युवाओं को शामिल किया गया है। इस अध्ययन से सामने आया कि कोरोना वैक्सीन वास्तव में अचानक होने वाली मौतों के खिलाफ सुरक्षात्मक थी, मौत के जोखिम को कम करती है। अचानक मौत के लिए व्यक्ति में हृदय रोगों के पारिवारिक इतिहास या अधिक गंभीर कोरोना बीमारी थी, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इसके साथ उनमें धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन की भी लत पाई गई थी। ऐसे में कोरोना वैक्सीन से हार्ट अटैक को जोड़ने की सारी खबरे निराधार हैं।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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