
जयपुर, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । मेवाड़ और वागड़ अंचल में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस ने इन क्षेत्रों में अपनी खोई जमीन वापस पाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। शुक्रवार को डूंगरपुर और उदयपुर में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलनों के बाद शनिवार को जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी और विधानसभा क्षेत्रों के पर्यवेक्षकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जमीनी फीडबैक लिया और आगे की रणनीति पर मंथन किया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने साफ किया कि कांग्रेस अब वागड़ अंचल में संगठन को नए सिरे से खड़ा करेगी और आगामी निकाय एवं पंचायत चुनावों में किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भले ही गठबंधन हुआ हो, लेकिन अब हम पूरी तरह अपने दम पर लड़ेंगे। दो से तीन साल में हम वागड़ में पार्टी को उसी स्थिति में पहुंचा देंगे, जैसी वह 20 साल पहले थी।
रंधावा ने यह भी कहा कि हाल ही में आयोजित संभाग स्तरीय रैलियों में जिस प्रकार बूथ, मंडल और ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ताओं को महत्व दिया गया, उससे कार्यकर्ताओं में उत्साह और जोश का नया संचार हुआ है। पार्टी इन क्षेत्रों में लगातार रैलियों, सम्मेलन और संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी संगठनात्मक शक्ति को मजबूत करने में जुटी हुई है।
प्रदेश प्रभारी ने संकेत दिए कि अब पार्टी में निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी तय है। रंधावा ने कहा कि हम फीडबैक बैठकों के आधार पर निष्क्रिय लोगों को बाहर कर समर्पित और सक्रिय कार्यकर्ताओं को आगे लाएंगे। संगठन में नई ऊर्जा और नया नेतृत्व तैयार करने पर हमारा फोकस है। हाईकमान ने प्रभारी सचिवों को फ्री हैंड दे रखा है। पार्टी छोड़ चुके नेताओं की वापसी को लेकर पूछे गए सवाल पर रंधावा ने दो टूक कहा कि जो नेता कांग्रेस छोड़कर गए हैं, अगर वे लौटना चाहते हैं, तो पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि वे क्यों गए थे? किस वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी? पार्टी में वापसी का अंतिम फैसला हाईकमान ही करेगा।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
