
डाक विभाग के पोस्टमास्टर जनरल ने दशाश्वमेध घाट से इस नई कड़ी की शुरुआत की
वाराणसी,15 जून (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रमों की श्रृंखला में इंडिया पोस्ट के स्टाफ के साथ रविवार को वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल (पीएमजी) कर्नल विनोद ने क्रूज पर योग करने की नई शुरुआत की। पीएमजी ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा किनारे लहरों की कल-कल की ध्वनि के बीच कर्मचारियों और अफसरों को वार्मिंग अप अभ्यास के बाद प्राथमिक योग क्रियाएं कराईं। उन्होंने योग की सूक्ष्म क्रियाएँ करवाने के बाद सूर्य नमस्कार की दस पुनरावृत्ति अभ्यास भी कराया। हर एक आसन के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए उसके लाभ और सावधानियों के बारे में भी बताया गया। उसके बाद त्रिकोणासन, ताड़ासन, पश्चिमोत्तानासन तथा शरीर के सभी अंगों में रक्त का संचार करने वाले आसनों का अभ्यास किया गया।
पीएमजी कर्नल विनोद ने बताया कि ऑफिस में काम करने वाले लोगों को अक्सर गर्दन में दर्द की समस्याएं हो जाती हैं । जिसके निवारण के लिए भुजंगासन सबसे प्रभावकारी उपाय है। इसी तरह से देर तक अपनी सीट पर बैठकर काम करने वाले लोगों को रीढ़ में समस्याएं आ जाती हैं जो सर्वांगासन/भुजंगासन से दूर हो सकती हैं। कर्नल विनोद ने बताया कि योग का वास्तविक अर्थ मन और आत्मा को एक साथ जोड़ना होता है, इसके निरंतर अभ्यास से मानव स्वभाव के सभी लाभों का उपयोग आसानी से किया जा सकता है, इसलिए योग करने वाले लोग शांत मन से समाज में सभी की भलाई की बातें सोचते और सामान्य कल्याण के लिए काम करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने बताया कि योग कार्यक्रम को रोचक बनाने तथा इसकी मूल्य वृद्धि करने के लिए क्रूज पर योग कराने का विचार आया और स्टाफ के सदस्यों के साथ इसे बखूबी क्रियान्वित किया गया। योग प्रैक्टिस को स्कूल और ऑफिसों में अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिए ताकि नई पीढ़ी को विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रोग्राम के अगले भाग में चलते क्रूज पर योगिक क्रियाओं का परफेक्ट अभ्यास किया गया, यहाँ ये बात विशेष उल्लेखनीय है कि गंगा की लहरों पर शीर्षासन करने का प्रयास बहुत सफल रहा और सभी स्टाफ सदस्यों ने इसको दिल से सराहा। इस कार्यक्रम में वाराणसी क्षेत्र कार्यालय के सहायक निदेशक परमानंद, राजीव एसएसपीओ वाराणसी पूर्व तथा वरिष्ठ पोस्टमास्टर राजीव के साथ स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
