
वाराणसी, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का असर अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। धार्मिक नगरी वाराणसी में मंगलवार की रात से ही मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया। देर रात हुई बारिश और बुधवार दोपहर तक रूक—रूक कर हो रही तेज रिमझिम बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई और लोगों को ठंड का एहसास होने लगा।
मौसम विभाग ने पहले ही पूर्वानुमान जारी कर बताया था कि चक्रवात के प्रभाव से पूर्वांचल के कई जिलों में बारिश और ठंडी हवाएं चल सकती हैं। बुधवार को सुबह हल्की बूंदाबांदी के बाद दोपहर में बारिश तेज हो गई, जिससे गलियों और सड़कों पर फिसलन बढ़ गई। जिले में बीते 24 घंटों में वाराणसी का अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.4 डिग्री कम रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.8 डिग्री अधिक था। बुधवार अपराह्न 2 बजे तक तापमान घटकर 27 डिग्री सेल्सियस अधिकतम और 24 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तक पहुंच गया। इस दौरान नमी 87 प्रतिशत, दृश्यता 34 प्रतिशत और हवा की रफ्तार 16 किमी प्रतिघंटा दर्ज की गई।
बारिश के बावजूद वायु गुणवत्ता में खास सुधार नहीं हुआ। आईक्यू एयर के अनुसार बुधवार दोपहर 2 बजे वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 132 रहा, जबकि लाइव रिपोर्ट में यह 218 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। पिछले 24 घंटों में एक्यूआई 150 से 228 के बीच दर्ज किया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार हवा की गति कम होने से प्रदूषण स्तर ऊंचा बना हुआ है। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले एक-दो दिनों तक बादलों की सक्रियता बनी रह सकती है। इसके बाद वातावरण में कोहरा बढ़ने और ठंडक में इजाफा होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बना गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ आंध्र प्रदेश तट से टकरा चुका है। लैंडफॉल की प्रक्रिया अगले 3–4 घंटों तक जारी रहेगी। इसके प्रभाव से दक्षिणी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है। वहीं, 30–31 अक्टूबर को वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली और भदोही सहित पूर्वांचल के कुछ जिलों में भारी बारिश और 40–60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी जारी की गई है। चक्रवात कमजोर पड़ने के बाद क्षेत्र में ठंड और कोहरे का प्रभाव और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी