बडगाम, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । बडगाम के उपायुक्त (डीसी) डॉ. बिलाल मोहिउद्दीन भट ने आज बडगाम स्थित उपायुक्त कार्यालय परिसर में जम्मू-कश्मीर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार परियोजना (जेकेसीआईपी) और एकीकृत भेड़ विकास योजना (आईएसडीएस) पर एक बैठक बुलाई। बैठक का उद्देश्य विभिन्न कृषि एवं संबद्ध विभागों से प्राप्त पात्र आवेदनों का मूल्यांकन और अनुमोदन करना था।
गहन विचार-विमर्श के बाद उपायुक्त ने जेकेसीआईपी के तहत 132 आवेदनों को मंजूरी दी, जिनमें कृषि के 65, बागवानी के 32, भेड़पालन के 27 और मत्स्य पालन के 8 आवेदन शामिल हैं। इसी प्रकार, एकीकृत भेड़ विकास योजना (आईएसडीएस) के तहत, बडगाम जिले में 213 मामलों को मंजूरी दी गई।
जेकेसीआईपी के तहत, लाभार्थियों को बोरवेल लगाने, सुगंधित प्रजातियों, छोटे प्याज, पहाड़ी लहसुन, मशरूम, केसर की खेती, क्षेत्र विस्तार, उच्च उपज वाले बागों के विकास, सौर बाड़ लगाने, भेड़ों के लिए शेड बनाने, ट्रॉलियों की आपूर्ति और उत्पादकता एवं स्थिरता में सुधार लाने के उद्देश्य से अन्य आधुनिक उपायों के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
डॉ. बिलाल ने ज़ोर देकर कहा कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र बडगाम की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं, और इस तरह के सरकारी हस्तक्षेप किसानों और युवाओं को प्रत्यक्ष आजीविका सहायता, कौशल संवर्धन और बेहतर बाज़ार प्रतिस्पर्धा प्रदान करने में सहायक हैं।
उन्होंने कहा कि ये स्वीकृतियाँ किसानों की आधुनिक बुनियादी ढाँचे, टिकाऊ प्रथाओं और विविध आय के अवसरों तक पहुँच में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसका उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि स्वीकृत परियोजनाओं की क्षमता निर्माण और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करना भी है।
डीसी ने संबंधित अधिकारियों को स्वीकृत मामलों के त्वरित कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करने और सभी लाभार्थियों को सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अधिकारियों को किसानों के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बोरवेल स्थापना से लेकर बाग़ के विकास तक हर परियोजना समयबद्ध, पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वित हो।
(Udaipur Kiran) / SONIA LALOTRA
