जम्मू, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । बाबा जित्तो बॉयज हॉस्टल (बीजेबीएच) ने बौद्ध अध्ययन विभाग और भारत तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) जेएंडके के सहयोग से जम्मू विश्वविद्यालय में परम पावन दलाई लामा का 90वां जन्मदिन मनाया जिसमें छात्रों, विद्वानों और नागरिक समाज के सदस्यों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डॉ विवेक शर्मा, अध्यक्ष (बीटीएसएम जेके और लद्दाख यूटी) ने कहा कि दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक नेता हैं जो दुनिया भर में शांति, समृद्धि और करुणा को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि दलाई लामा की खोज संस्था की प्रक्रिया का हिस्सा है। दलाई लामा की खोज में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए और 15वें दलाई लामा की नियुक्ति पिछले अभ्यास के तहत की जानी चाहिए।
यह अधिकार केवल इस संस्था का है चीन का नहीं। बीटीएसएम जम्मू-कश्मीर 14वें दलाई लामा के बयान का समर्थन करता है जो उन्होंने इस संदर्भ में कहा था। उन्होंने आगे कहा कि तिब्बत की परंपरा के अनुसार केवल वर्तमान दलाई लामा या जिसे उन्होंने नियुक्त किया है वह वरिष्ठ लामाओं और धर्म के रक्षकों के परामर्श से स्वप्नों का उपयोग करके अपने उत्तराधिकारी की पहचान कर सकता है।
जबकि तेनज़िन ग्यात्सो को दो साल की उम्र में 14वें अवतार के रूप में मान्यता दी गई थी। उन्होंने 15 साल की उम्र में पूर्ण अधिकार ग्रहण किया और चार साल बाद तिब्बत से भाग गए जब चीनी सैनिकों ने 1959 में तिब्बत की राजधानी ल्हासा में विद्रोह को कुचल दिया। तब से वे धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे हैं। डॉ. राजेश शर्मा ने तिब्बत और तिब्बत के लिए दलाई लामा के योगदान पर प्रकाश डाला।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
