Haryana

हिसार अदालत का फैसला, प्राइवेट बसों में मान्य होंगे सरकारी पास

एडवोकेट ओमप्रकाश कौशिक के साथ लॉ छात्रा पूजा व अन्य।

आरटीए के पत्र के आधार पर अदालत ने दिया फैसला

अभी निजी बस संचालकों को नहीं मिला हाईकोर्ट से कोई स्थगन आदेश

हिसार, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । यहां की अदालत ने निजी बस संचालकों को बड़ा झटका

देते हुए विद्यार्थी वर्ग के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा है कि जब

तक हाईकोर्ट का स्थगत आदेश नहीं आता, तब तक सभी प्राइवेट बसों में सरकारी रियायती पास

मान्य होंगे। सारंगपुर गांव की लॉ छात्रा पूजा बिश्नोई ने एडवोकेट ओम नारायण कौशिक के माध्यम

से अदालत में केस डाला था। इसमें निजी बस संचालकों पर सरकारी बस पास न मानने, विद्यार्थी

वर्ग से दुव्र्यवहार भी किया जाता है। कई बार तो विद्यार्थी वर्ग या पासधारक को बसों

से नीचे उतार कर बेइज्जत किया जाता है।

इस पर लॉ छात्रा पूजा बिश्नोई की ओर से याचिका

दायर करके मांग की गई थी कि सरकारी पास को प्राइवेट बसों में भी मान्यता मिले। अदालत

का यह फैसला प्राइवेट बस संचालकों के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि वे अब तक सरकारी पास

को अपनी बसों में स्वीकार करने से इनकार करते रहे हैं। इसी मामले को लेकर प्राइवेट

बस संचालकों ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की हुई है, लेकिन अभी तक कोई स्टे ऑर्डर

नहीं मिला है।

पूजा ने लड़ी कानूनी लड़ाई

अदालत का यह फैसला सारंगपुर गांव की एलएलबी स्टूडेंट पूजा बिश्नोई द्वारा दायर

याचिका के बाद आया है। पूजा ने बताया कि भट्टू से हिसार आते समय एक प्राइवेट बस के

कंडक्टर ने उनका सरकारी पास यह कहते हुए अमान्य कर दिया कि यह बस में नहीं चलेगा। कंडक्टर

ने आरटीआई से मिली जानकारी का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि प्राइवेट बसों में

पास नहीं चलेंगे। इसके बाद पूजा आरटीए कार्यालय गईं, जहां एक पत्र जारी किया गया था

जिसमें स्पष्ट था कि रियायती और कॉलेज पास प्राइवेट व सरकारी दोनों बसों में मान्य

होंगे। जब यह पत्र प्राइवेट बस के कंडक्टर को दिखाया गया, तो उन्होंने इसे मानने से

इनकार कर दिया और अपनी आरटीआई जानकारी के आधार पर चलने की बात कही।

पांच सितंबर को सिविल सूट दायर किया

इस घटना के बाद पूजा बिश्नोई ने 5 सितंबर को हिसार कोर्ट में एक सिविल सूट

दायर किया। उन्होंने रविंद्र, बालाजी और नागपाल बस सर्विस के साथ-साथ हरियाणा राज्य,

परिवहन आयुक्त, हिसार जीएम और आरटीए को भी इसमें पक्षकार बनाया। इस मामले की सुनवाई

हुई, जिसमें सभी पक्ष उपस्थित थे और कोर्ट में बहस हुई। एडवोकेट ओम नारायण कौशिक ने

शुक्रवार को बताया कि प्राइवेट बस संचालकों ने सरकारी पास को अमान्य करने के विरोध

में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई स्थगन आदेश नहीं मिला

है। हिसार कोर्ट ने आरटीए द्वारा जारी किए गए पत्र के आधार पर यह आदेश दिया है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

Most Popular

To Top