
कानपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । ऐसे महापुरुषों के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हम देश के लिये हैं, न कि देश हमारे लिये। आज तिलक एवं आजाद के जन्मदिवस पर हम सभी को प्रण लेना चाहिए कि देश और उसकी आजादी पहले है, हमारा जीवन बाद में। चन्द्रशेखर आजाद केवल एक भारतीय ही नहीं बल्कि भारतीय युवाओं की चेतना की अभिव्यक्ति थे। यह बातें बुधवार को बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इण्टर कॉलेज प्रधानाचार्य बृजमोहन कुमार सिंह ने चन्द्रशेखर आजाद एवं तिलक जयन्ती उत्सव के दौरान कही।
क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद और लोकमान्य तिलक की जयंती देश भर बड़े ही धूमधाम से मनायी जा रही है। जनपद में भी बेनाझाबर स्थित बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज में चंद्रशेखर आजाद और तिलक की जयंती मनाई गई। जिसके अंतर्गत छात्रों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन मंगलाचरण से हुआ। आभार प्रदर्शन अमित कुमार (कैप्टन-औदार्य निकेतन) ने किया। इस अवसर पर ग्याहरवीं की छात्रा आर्या सिंह ने आंग्ल भाषा में, काव्या सिंह ने हिन्दी भाषा में अपने विचार व्यक्त किये। वहीं ग्याहरवीं कक्षा के ही प्रखर त्रिपाठी ने काव्य पाठ, छात्रा सिद्धि सिंह ने एकल गीत प्रस्तुत किये। वहीं छठवीं की छात्राओं द्वारा लोकमान्य तिलक के राष्ट्रीय एकता के भाव पर आधारित एक नृत्य नाटिका की शानदार प्रस्तुति की गई। जबकि छठवीं के छात्रों द्वारा चन्द्रशेखर आजाद के जीवन पर आधारित एक नाटक प्रस्तुत किया गया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजमोहन कुमार सिंह ने कहा कि हम महापुरुषों की जयंती इसलिए मनाते हैं ताकि उनके द्वारा बनाये गये जीवन पथ पर चलते हुए हम अपने जीवन के लक्ष्यों को समझ सकें। ऐसे महापुरुषों से हमें यह सीखना चाहिये कि हम किसी भी स्थिति और परिस्थिति में अपनी बात को कह सकें।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
