HimachalPradesh

सहकारिता विभाग का होगा 53 करोड़ रुपये से डिजिटलीकरण, पारदर्शिता और दक्षता में आएगा सुधार: उप-मुख्यमंत्री

शिमला, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार सहकारी समितियों को डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली से जोड़ने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। इसी क्रम में सहकारिता विभाग में 53 करोड़ रुपये की लागत से व्यापक डिजिटलीकरण किया जा रहा है। यह जानकारी उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को यहां दी।

उन्होंने बताया कि प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समितियोंके कंप्यूटरीकरण से न केवल कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि दक्षता और जवाबदेही भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां आम लोगों की पूंजी और विश्वास से जुड़ी होती हैं, इसलिए इनके संचालन में पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है।

उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की कुल 1,789 पीएसीएस में से पहले चरण में 870 समितियों का कंप्यूटरीकरण कार्य पूरा किया जा चुका है। दूसरे चरण में शेष 919 पीएसीएस को डिजिटल प्रणाली से जोड़ा जाएगा। अब तक इस परियोजना पर 22.18 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

राज्य सरकार 1,153 पीएसीएस को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित कर रही है। इन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में टेली-लॉ, टेलीमेडिसिन, पेंशन, प्रमाण पत्र, बैंकिंग जैसी 300 से अधिक डिजिटल सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे ग्रामीणों को अब कई सरकारी सेवाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।

उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी सहकारी समितियों की ऑडिट प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए 30 मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं, जो ऑडिटरों को प्रशिक्षित करेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि 30 सितंबर, 2025 तक सभी समितियों का ऑडिट कार्य पूर्ण कर लिया जाए।

समितियों की पारदर्शिता और निगरानी को और अधिक मजबूत करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस से जोड़ा जा रहा है। इससे जीआईएस आधारित निगरानी प्रणाली के माध्यम से प्रशासनिक निर्णय लेने में सहायता मिलेगी और नीति निर्माण की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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