
हंसराज रघुवंशी और मालिनी अवस्थी संग स्थानीय कलाकार भी बिखेरेंगे रंग,राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल करेंगे उद्घाटन
वाराणसी, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी इस बार गंगा महोत्सव के अवसर पर एक बार फिर संगीत, नृत्य और कला की अद्भुत छटा बिखेरने को तैयार है। देव दीपावली पर्व (5 नवम्बर) से पूर्व प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी काशी गंगा महोत्सव का आयोजन 1 से 4 नवम्बर तक राजघाट पर किया जाएगा। इसका उद्घाटन उत्तर प्रदेश के न्यायालय शुल्क एवं स्टाम्प पंजीयन राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल करेंगे।
गुरुवार अपराह्न पत्रकारों से बातचीत में वाराणसी परिक्षेत्र के मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने महोत्सव की रूपरेखा साझा की। उन्होंने बताया कि इस बार महोत्सव में संगीत और नृत्य की सभी विधाओं की प्रस्तुति होगी, जिसमें राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय कलाकारों को मंच साझा करने का अवसर मिलेगा।
पहला दिन (1 नवम्बर): शास्त्रीय और लोक कला का संगम
कमिश्नर ने बताया कि महोत्सव के पहले दिन पं. माता प्रसाद मिश्र एवं पं. रविशंकर मिश्र कथक में युगल नृत्य प्रस्तुत करेंगे। कविता मोहंती ओडिशी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देंगी। इसके साथ ही श्वेता दुबे का गायन, कमला शंकर का स्लाइड गिटार, डॉ. ऋषि मिश्र का शास्त्रीय गायन और देविका देवेंद्र एस. मंगलामुखी का कथक नृत्य होगा। डॉ. दिवाकर कश्यप और डॉ. प्रभाकर कश्यप उपशास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे, जबकि रवि शर्मा एवं समूह ब्रज लोकगीतों से समां बांधेंगे।
दूसरा दिन (2 नवम्बर): सुर और ताल की यात्रा
दूसरे दिन गणेश पाठक भजन गायन से शुरुआत करेंगे। डॉ. ममता टंडन कथक प्रस्तुत करेंगी और पं. गणेश मिश्र शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे। शिवानी शुक्ला का गायन, प्रवीण उद्धव की ‘ताल यात्रा’, राजकुमार तिवारी ‘राजन’ का लोकगायन, साकार कलाकृति समूह का लोकनृत्य और वंदना मिश्रा का गायन रहेगा। प्रो. पं. साहित्य नाहर एवं डॉ. संतोष नाहर सितार-वायलिन की जुगलबंदी प्रस्तुत करेंगे। इसी रात ओमप्रकाश का भजन और पद्मश्री गीताचंद्रन का भरतनाट्यम मुख्य आकर्षण होंगे।
तीसरा दिन (3 नवम्बर): लोकगायन और शास्त्रीयता का मेल
तीसरे दिन अमलेश कुमार शुक्ल और आस्था शुक्ल लोकगायन प्रस्तुत करेंगे। माधुरी शांभवी का कथक, अलीशा मिश्रा का तबलावादन, मीना मिश्रा का गायन, विशाल कृष्णा का कथक और राकेश कुमार का जनजातीय लोकनृत्य दर्शकों को आकर्षित करेगा। इंदु गुप्ता लोकगायन करेंगी, चेतन जोशी बांसुरी की मधुर ध्वनि बिखेरेंगे और कविता द्विवेदी ओडिशी नृत्य प्रस्तुत करेंगी। इस दिन का मुख्य आकर्षण पद्मश्री मालिनी अवस्थी का लोकगायन रहेगा।
चौथा दिन (4 नवम्बर): भक्ति और कला का चरम
महोत्सव के अंतिम दिन अदिति भरतनाट्यम प्रस्तुत करेंगी। डॉ. शुभाकर डे गायन करेंगे, जबकि डॉ. प्रेम किशोर मिश्र और उनके साथी सितार-सरोद की जुगलबंदी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। इसके अलावा राहुल रोहित मिश्र का शास्त्रीय गायन, आयुधी विपेंद्र शर्मा का कथक, रूपन सरकार और वासुमति बद्रीनाथ का गायन तथा शिवानी मिश्रा का कथक प्रस्तुत होगा। अंतिम रात्रि का मुख्य आकर्षण लोकप्रिय गायक हंसराज रघुवंशी का भजन गायन होगा।
स्थानीय प्रतिभाओं को भी मंच
मंडलायुक्त ने बताया कि महोत्सव में काशी सांसद सांस्कृतिक प्रतियोगिता के विजेता कलाकारों को भी प्रस्तुति का अवसर दिया जाएगा, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। पत्रकार वार्ता में नगर आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
