
सोनीपत, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । सोनीपत
में सीटू के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मुरथल स्थित विश्वविद्यालय में कार्यरत
मैस कर्मचारियों की हालत बेहद दयनीय है। अधिकांश कर्मचारी प्रवासी मजदूर हैं, जो सैकड़ों
किलोमीटर दूर से आकर पिछले 18-20 वर्षों से विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में भोजन बनाने
और परोसने का काम कर रहे हैं।
मंगलवार
को वे मुरथल विश्वविद्यालय के मैस कर्मचारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने
कहा कि इस कमरतोड़ महंगाई के दौर में कर्मचारियों को मात्र 10 हजार रुपए वेतन मिलता
है, जबकि उनसे रोजाना 17-18 घंटे तक काम लिया जाता है। हॉस्टलों में मैस कर्मचारियों
की संख्या कम होने के कारण काम का अत्यधिक बोझ है। खाना पकाने और परोसने के अलावा उनसे
घास काटने जैसे काम भी करवाए जाते हैं, जो पूरी तरह अमानवीय है। छात्र-छात्राओं के
अभिभावकों से भारी-भरकम फीस ली जाती है, लेकिन मैस कर्मचारियों को उसका लाभ नहीं मिलता।
उनकी मेहनत की लूट कर न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जा रहा। यह स्थिति असहनीय है। बैठक
की अध्यक्षता प्रधान बेचेलाल ने और संचालन सचिव राजेश कुमार गोस्वामी ने किया।
नेता
ने मांग रखी कि हॉस्टलों में मैस कर्मचारियों की खाली पदों पर भर्ती की जाए। सफाई की
तरह घास कटाई के लिए अलग से माली रखे जाएं। कर्मचारियों से बेगार लेना बंद किया जाए
और उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। जब तक स्थायी नहीं किया जाता, तब तक
न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए तय किया जाए और उन्हें कौशल रोजगार में शामिल किया जाए।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
