श्रीनगर 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने नागरिक प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें 21 से 23 अगस्त तक प्रतिष्ठित डल झील पर आयोजित होने वाले खेलो इंडिया जल क्रीड़ा महोत्सव 2025 के पहले संस्करण की तैयारियों की समीक्षा की गई।
इस आयोजन को कश्मीर के बहुमुखी आकर्षण को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का एक अनूठा अवसर बताते हुए मुख्य सचिव ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस महोत्सव को स्थानीय पर्यटन, हस्तशिल्प, कला और संस्कृति के एक भव्य उत्सव में परिवर्तित किया जाना चाहिए।
उन्होंने हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग को निर्देश दिया कि वे उच्च-स्तरीय प्रदर्शनियाँ आयोजित करें जो इस आयोजन के दौरान आने वाले आगंतुकों के लिए क्षेत्र की समृद्ध शिल्पकला को प्रदर्शित करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि श्रीनगर में पर्यटन के चरम मौसम के साथ मेल खाते इस उत्सव का समय, आने वाले एथलीटों, अधिकारियों और दर्शकों पर स्थायी प्रभाव डालने का एक आदर्श अवसर प्रदान करता है। उन्होंने युवा सेवा एवं खेल विभाग से इस उत्सव का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया ताकि युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय आने वाले वर्षों में श्रीनगर को इस उत्सव के नियमित आयोजन स्थल के रूप में देख सके।
व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने आयोजन स्थल की तैयारियों, खेल अवसंरचना, खिलाड़ियों के लिए आवास एवं भोजन सुविधाओं, सुरक्षा उपायों, ब्रांडिंग एवं प्रचार का जायजा लिया।
उन्होंने पर्यटन, पीडीडी, जल शक्ति, यातायात, आतिथ्य एवं प्रोटोकॉल, नागरिक उड्डयन, हवाई अड्डा प्राधिकरण, एलसीएमए, हस्तशिल्प एवं हथकरघा, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य, तथा अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं जैसे सभी संबंधित विभागों को उच्चतम दक्षता मानकों के साथ अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने के निर्देश दिए।
युवा सेवा एवं खेल आयुक्त सचिव सरमद हफीज ने बैठक में इस महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यद्यपि इसके पहले संस्करण में विभाग का लक्ष्य श्रीनगर को “भारत की खेल राजधानी“ के रूप में स्थापित करना और इसे यहाँ एक नियमित वार्षिक आयोजन बनाना है।
खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों के पाँच संस्करणों की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के विभाग के अनुभव का लाभ उठाते हुए, उन्होंने आश्वासन दिया कि 28 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 800 खिलाड़ियों और अधिकारियों के स्वागत के लिए पुख्ता व्यवस्था की जाएगी जो महोत्सव के तीन दिनों में पाँच जल क्रीड़ा स्पर्धाओं में भाग लेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि कयाकिंग, कैनोइंग और रोइंग में प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, जबकि ड्रैगन बोट, वाटर स्कीइंग और एक अनोखी शिकारा रेस प्रदर्शन खेलों के रूप में शामिल होंगे। उन्होंने आगे कहा कि उत्सव का शुभंकर, कश्मीरी किंगफिशर, और पहाड़ों की पृष्ठभूमि में शिकारा वाला इसका लोगो, प्रकृति, रोमांच और कश्मीरी विरासत के मिश्रण का प्रतीक है।
खेल परिषद की सचिव नुज़हत गुल ने बताया कि विभिन्न कार्यात्मक क्षेत्रों के लिए समन्वय समितियाँ बनाई गई हैं, और प्रत्येक टीम को उनकी जानकारी और सुचारू सुविधा के लिए एक समर्पित राज्य संपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने एक विस्तृत उद्घाटन समारोह के बारे में भी जानकारी दी जिसमें ड्रोन लाइट शो, लाइव पारंपरिक लोक नृत्य, सेलिब्रिटी प्रदर्शन और स्थानीय स्ट्रीट व्यंजन, कला, संस्कृति और स्वयं सहायता समूहों उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले खाद्य एवं शिल्प स्टॉल शामिल होंगे।
युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय खेल प्राधिकरण के सहयोग से जम्मू-कश्मीर खेल परिषद द्वारा आयोजित यह महोत्सव एक ऐतिहासिक आयोजन होगा जिसमें कश्मीर की प्रकृति, साहसिकता और सांस्कृतिक भावना का एक साथ जश्न मनाया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
