
गांधीनगर, 30 जून (Udaipur Kiran) । मानसून के दौरान जुलाई से अक्टूबर माह के बीच डेंगू के मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिलती है। इसी कारण हर वर्ष केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से देशभर में जुलाई माह को ‘डेंगू विरोधी माह’ के रूप में मनाया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा 16 मई, 2025 को चेक, क्लिन, कवर : डेंगू को हराने के लिए कदम थीम के साथ ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाया गया था।
राज्य में मच्छरों की उत्पत्ति को रोकने तथा डेंगू और उससे होने वाली मौतों को कम करने के लिए नागरिकों का सहयोग प्राप्त हो, इस उद्देश्य से राज्य, जिला, नगर निगम, शहरी और ग्रामीण स्तर पर अभियान स्वरूप विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं।
राज्य में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे वेक्टर जनित रोगों की समाप्ति की दिशा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में तथा स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। मानसून के दौरान मच्छरों की उत्पत्ति रोकने तथा वेक्टर जनित रोगों के प्रभावी नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जून माह में राज्य के सभी जिलों और नगरपालिकाओं में ‘हाउस टू हाउस’ अभियान चलाया गया था।अभियान के तहत राज्यभर में कुल 20,000 से अधिक स्वास्थ्य टीमों द्वारा 1.48 करोड़ से अधिक घरों की प्रत्यक्ष जांच की गई। इनमें से लगभग 1.75 लाख घरों में मच्छरों के लार्वा पाए गए, जिनका वहीं पर नाश कर दिया गया। इसके अतिरिक्त 5.11 करोड़ से अधिक संभावित मच्छर प्रजनन स्थलों का भी नाश किया गया।
जांच के दौरान लगभग 3.63 लाख से अधिक बुखार के रोगी पाए गए, जिनके रक्त के नमूने परीक्षण हेतु भेजे गए। साथ ही, मच्छरजन्य रोगों से कैसे बचा जाए, इस बारे में नागरिकों को आवश्यक जानकारी भी दी गई। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा राज्य में जनजागरूकता बढ़ाकर जनसामान्य की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से इन वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
डेंगू एक अर्बोवायरस जनित रोग है जो एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है और मात्र एक चम्मच पानी में भी अंडे दे सकता है। अतः फूलदान, गमले, पक्षियों के पानी के बर्तन तथा पानी संग्रहण की सभी वस्तुओं की नियमित सफाई करनी चाहिए और इन्हें ढक्कन से अच्छी तरह ढंक कर रखना चाहिए। इसके अलावा, घर के अंदर, छत पर तथा आसपास पड़ी बेकार वस्तुएं, कचरा, टायर, नारियल की खोल आदि को तुरंत नष्ट करना चाहिए।
मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनें, खुले अंगों पर मच्छर निरोधक क्रीम लगाएं, सोते समय कीटनाशक युक्त मच्छरदानी का उपयोग करें, खिड़की-दरवाजाें पर मच्छरजाली लगाएं तथा यदि तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते या लाल दाने दिखें तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करें।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कहा है कि डेंगू और चिकनगुनिया की कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें और डेंगू के मरीज को एस्पिरिन नहीं दी जानी चाहिए। बुखार के दौरान अधिक से अधिक तरल पदार्थ लें और पूरी तरह आराम करें।
———————-
(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad
