
प्रयागराज, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । रक्त का दूषित होना शारीरिक व मानसिक रोगों का कारण है। हमारे स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा प्रभाव आहार का होता है। खान-पान का ध्यान रखने से शरीर के रोगों का 50 प्रतिशत चिकित्सा अपने आप हो जाती है। आहार का प्रयोग और चयन सोच समझ कर करना चाहिए।
यह बातें मंगलवार को सुबह एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान मधुबन बिहार स्थित प्रयागराज रेकी सेंटर पर निःशुल्क कार्यक्रम के पश्चात जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने कही।
उन्होंने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ताजा शुद्ध भोजन के साथ देसी घी-मक्खन का खाने में उपयोग करना, मौसमी फलों का सेवन, स्पर्श ध्यान करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
–शरीर का रक्त शुद्ध खान-पान पर निर्भर उन्होंने कहा शरीर का बल, इम्यूनिटी, स्वस्थ त्वचा की चमक और उम्र यह सभी शरीर के शुद्ध रक्त पर निर्भर है और शरीर का रक्त शुद्ध खान-पान पर निर्भर है। अस्वस्थ होने का मुख्य कारण हमारे रक्त का दूषित होना है। इससे मुंह में छाले, मुंह में दुर्गंध आना, दाद, खाज, खुजली, त्वचा के रोग, लाल चकत्ते पड़ना, फोड़ा-फुंसी होना, यूरिक एसिड का बढ़ना, सिर दर्द, हमेशा थकान रहना, खट्टी डकार, एसिडिटी यह सब इसके लक्षण हैं।
–ज्यादा नमक खाने से भी रक्त दूषितसतीश राय ने कहा कि बहुत ज्यादा नमक खाना भी हमारे रक्त को दूषित करता है। जो केचप, चिप्स व नमकीन के अत्यधिक सेवन करने से नमक की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त रिफाइंड तेल, बेकरी फूड, चाऊमीन, बर्गर, पिज़्ज़ा,पास्ता का लगातार सेवन करना क्षमता से ज्यादा परिश्रम करना इत्यादि।
–सेब खाने से बढ़ता है कफ दोषसतीश राय ने आगे कहा कि ज्यादातर लोग सेब उपयोग में तब लाते हैं जब वे अस्वस्थ होते हैं। लोगों का मानना है कि स्वास्थ्य के लिए बेहतर फलों में सेब सबसे अच्छा होता है। आयुर्वेद के अनुसार पका हुआ सेब वात दोष – पित्त दोष को संतुलित करता है। अर्थात वात दोष एवं पित्त दोष से संबंधित रोगों को ठीक करता है लेकिन यह कफ दोष को बढ़ाता भी है। जिन लोगों को खांसी बलगम अस्थमा सांस लेने में दिक्कत होती है उन्हें सेब का प्रयोग कम करना चाहिए।
सतीश राय ने कहा सेब पचने में भारी होता है। शरीर में यह ठंडक लाता है, वजन बढ़ाने एवं शरीर में ताकत लाने में मदद करता है। जो लोग स्वास्थ्य वर्धक आहार खाकर वजन बढ़ाना चाहते हैं वे दैनिक आहार में इसका सेवन कर सकते हैं। जिन्हें भूख कम लगती है, मुंह का स्वाद खराब हो तो उन्हें भी सेब खाने से लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि जो फल जिस मौसम में पकता है उसे उसी मौसम में खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। सेब का सेवन ठंडक के मौसम में करना फायदेमंद होता है। जब हमारे शरीर की अग्नि प्राकृतिक रूप से प्रबल होती है और पचने में भारी आहार को भी आसानी से पचा सकती है।
जिन लोगोंको एसिडिटी पेट में जलन खट्टी डकार आती है उन्हें इसका सेवन फायदेमंद होता है। क्योंकि यह पित्त दोष को कम करता है। अंत में उन्होंने कहा कि आहार और दिनचर्या में सुधार लाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
