
नैनीताल, 23 जून (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विधानसभा सचिवालय में हुई अवैध नियुक्तियों को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले सप्ताह की तिथि निर्धारित की है।
देहरादून निवासी अभिनव थापर व अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर आराेप लगाया है कि विधानसभा सचिवालय में बैकडोर से कई अवैध नियुक्तियां हुई है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि इस प्रकरण में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं भी की गई हैं। उत्तराखंड विधानसभा की ओर से 2016 के बाद की नियुक्तियों की जांच कर उन्हें निरस्त कर दिया गया था, जबकि 2016 से पहले की नियुक्तियों की अनदेखी की गई है। याचिकाकर्ता का कहना था कि यह घोटाला वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद से लगातार चला आ रहा है, लेकिन सरकार इस पर कुछ नहीं कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से विधानसभा सचिवालय में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। साथ ही याचिका में कहा गया कि जिन लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियां करवाईं है उनसे सरकारी धन की वसूली कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
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(Udaipur Kiran) / लता
