Madhya Pradesh

अनूपपुर में सामने आया डिजिटल अरेस्ट का मामला, आठ साल में कभी सीबीआई तो कभी वकील बनकर व्यापारी से ठगे 45 लाख

आशीष ताम्रकार
विदिशा से गिरफ्तार एक आरोपी

अनूपपुर, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के प्रथम भाजपा जिलाध्यक्ष रहें कोतमा निवासी के पुत्र और इलेक्ट्रानिक कारोबारी 53 वर्षीय आशीष ताम्रकार को आठ वर्षों तक डिजिटल अरेस्ट रखने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोपित सीबीआई अधिकारी, जज, हाईकोर्ट वकील और पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट रखते थे और धमकाकर इन सभी ने पीड़‍ित के खाते से 45 लाख रुपये अपने विभिन्न खातों में जमा करा लिए। शिकायत पर जांच के बाद मामले का पता चला । अनूपपुर पुलिस ने विदिशा जिले से एक आरोपित 32 वर्षीय सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया है। दो अन्य आरोपितों महेंद्र शर्मा और रवि डेहरिया की मौत हो चुकी है। फिलहाल आरोपित न्यायालय के आदेश पर चार दिन की रिमांड पर चल रहा है।

2017 में पहली बार 23 लाख रुपये धमकाकर जमा कराए

थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला के अनुसार, कोतमा नगर निवासी अवधेश ताम्रकार के पुत्र 53 वर्षीय आशीष ताम्रकार की बाजार में इलेक्ट्रानिक दुकान है। वह वायदा बाजार में भी पैसा निवेश करते थे। 23 लाख रुपए उन्हें 2017 में मिले थे। इसकी भनक गिरोह को लग गई। नीमच थाने के अधिकारी बनकर आशीष को फोन किया गया और 23 लाख रुपये को हवाला की रकम बताकर धमकाया और रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद ठगों ने अलग-अलग मोबाइल नंबरों का उपयोग कर डिजिटल अरेस्ट किया और कुल 45 लाख रुपये अलग-अलग खातों में डलवाते रहे। इस दौरान बदमाश स्क्रीन पर फर्जी पुलिस, जज, सीबीआई अधिकारी बनने का नाटक कर पुलिस का सायरन भी बजाते रहे। डरा-सहमा व्यापारी गिरफ्तारी के डर से रुपयों की मांग पूरी करता रहा। परेशान होकर उसने जून माह में पुलिस से इस संबंध में शिकायत की, तब जाकर जांच के बाद यह हकीकत सभी के सामने आ सकी है।

तीन अन्य की तलाश में छापेमारी

पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपित 32 वर्षीय सौरभ पुत्र गोविंद शर्मा निवासी गिरधर कालोनी, देहात थाना, जिला विदिशा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से लैपटॉप, मोबाइल सहित ठगी के दस्तावेज भी जब्त किए हैं। इस मामले में शामिल मुख्य सरगना 26 वर्षीय महेंद्र शर्मा व उसके साथी रवि डेहरिया की मौत हो चुकी है। आरोपित लकी कुमावत निवासी सतवास पुनासा जिला खंडवा, चित्रांश ठाकुर सहित अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। महेंद्र शर्मा की 2022 में चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। उसके विरुद्ध विदिशा व अन्य जिलों के थाने में 30 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं। एक और आरोपित रवि डेहरिया की दो माह पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई।

अनूपपुर के पुलिस अधीक्षक मोतिउरहान रहमान ने बताया कि आरोपितों ने युवक से साइबर ठगी के जरिए आठ साल में 45 लाख रुपये विभिन्न खातों में जमा कराए हैं। गरोह साइबर ठगी करने को लेकर भोपाल में आरबी ट्रेडर्स, तिरुपति फिनटेक सहित अन्य नाम की फर्जी कंपनियों को दिखावे के लिए खोलते थे। इनका उद्देश्य पूरा सेटअप बनाकर चोरी छिपे साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट का काम किया जाता था। आरोपित अलग-अलग नंबरों और खातों का उपयोग करते थे। भोपाल में फर्जी कंपनी की भनक लोगों को लगने पर वहां से भागकर विदिशा में नए नाम से कंपनी खोली गई। गिरफ्तार आरोपित सौरभ शर्मा ठगी के साथ, प्राइवेट काम करने के साथ जमीन दलाली की भी सौदेबाजी करता है।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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