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डिजिटल कोर्ट को राऊज एवेन्यू में शिफ्ट करने के खिलाफ 7 जुलाई से भी न्यायिक कार्य का बहिष्कार रहेगा जारी

-कड़कड़डूमा कोर्ट की शाहदरा बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया फैसला

नई दिल्ली, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली की छह निचली अदालतों में पहले से संचालित चेक बाउंस के 34 डिजिटल कोर्ट को राऊज एवेन्यू में शिफ्ट करने के खिलाफ दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के वकीलों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है। आज कड़कड़डूमा कोर्ट की शाहदरा बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में 7 जुलाई से भी न्यायिक कार्य का बहिष्कार जारी रखने का फैसला किया गया।

शाहदरा बार एसोसिएशन के सचिव नरवीर डबास के हस्ताक्षर से जारी नोटिस में कहा गया है कि जब तक चेक बाउंस के मामलों की सुनवाई करने वाली कोर्ट को राऊज एवेन्यू कोर्ट से वापस नहीं लाया जाता है तब तक भूख हड़ताल और न्यायिक कार्यों का बहिष्कार जारी रहेगा। बता दें कि शाहदरा बार एसोसिएशन के आह्वान पर कड़कड़डूमा कोर्ट के वकील 1 जुलाई से न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं। 3 जुलाई से वकील भूख हड़ताल पर हैं। कड़कड़डूमा कोर्ट के वकीलों की हड़ताल दिल्ली की दूसरी अदालतों में भी फैलने की उम्मीद है। साकेत कोर्ट के वकील भी हड़ताल करने के मूड में हैं।

इसके पहले दिल्ली की ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स बार एसोसिएशन ऑफ दिल्ली के कोआर्डिनेशन कमेटी ने 9 जून से हड़ताल का आह्वान किया था। बाद में कोआर्डिनेशन कमेटी की दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय के साथ हुई बैठक में इस बात का भरोसा दिया गया कि चेक बाउंस के सभी डिजिटल कोर्ट केवल डिजिटल प्लेटफार्म पर ही काम करेंगे और बाकी दूसरे न्यायालीय कार्य नियमित अदालतों में होंगे। उसके बाद कोआर्डिनेशन कमेटी ने हड़ताल वापस ले लिया।

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने 30 मई को राऊज एवेन्यू कोर्ट से संचालित होने वाले चेक बाउंस के सभी 34 कोर्ट रुम का उद्घाटन किया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट में जिन जिन अदालतों के चेक बाउंस के कोर्ट को शिफ्ट किया गया उनमें द्वारका कोर्ट के 9, तीस हजारी कोर्ट के 7, साकेत कोर्ट के 6, कड़कड़डूमा कोर्ट के 5, रोहिणी कोर्ट के 4 और पटियाला हाउस कोर्ट के 3 कोर्ट शामिल हैं।

चेक बाउंस के इन 34 कोर्ट को राऊज एवेन्यू कोर्ट में शिफ्ट तो कर दिया गया लेकिन राऊज एवेन्यू कोर्ट में इन कोर्ट के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इन 34 कोर्ट्स के लिए कोर्ट स्टाफ जैसे रीडर, अहलमद और स्टेनोग्राफर की नियुक्ति अभी नहीं की गई है।

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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