
प्रयागराज, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । वे लोग जो गिरने से डरते हैं, गिरने की पीड़ा से घबराते हैं, और गिरने के एक बाद फिर से खड़े होने की कोशिशों से भी हिचकते हैं – यह किताब उन्हीं संघर्षों और साहस की कहानियों को सामने लाती है। यह बात सोमवार को शहर के एक होटल में आयोजित युवा कवि शिवम भगवती की पुस्तक “याद तुम्हें तो होगा” के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य वक्ता इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर मृत्युंजय राव परमार ने कहा।
उन्होंने पुस्तक के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की। कवि संदीप शुक्ला ने कहा कि जब कवि खेतों से लेकर संसद और प्रतिष्ठित संस्थानों तक कविताएं ले जाता है तो उसकी रचनाएं समाज में सकारात्मक परिवर्तन का हथियार बनती हैं। समारोह की अध्यक्षता जनकवि प्रकाश ने की और कहा कि हर कवि को अपनी पुस्तक प्रकाशित करनी चाहिए क्योंकि पुस्तकें, लेखक के अस्तित्व को जीवन के बाद भी जीवित रखती हैं। इस मौके पर बांके बिहारी पांडे ने शिवम भगवती के छात्र जीवन से ही साहित्य और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जबकि रौनक गुप्ता ने उन्हें साहित्य व समाज सेवा में निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
साहित्य नगरी प्रयागराज में युवा कवि, लेखक और गीतकार शिवम भगवती की नई पुस्तक “याद तुम्हें तो होगा” का लोकार्पण होटल प्रयाग इन में हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि शहर उत्तरी विधायक हर्षवर्धन बाजपेई रहे। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई और इसका संचालन प्रिया प्रियांशु श्रीवास्तव ने किया।
पुस्तक “याद तुम्हें तो होगा” का प्रकाशन ‘अर्ज है पब्लिकेशन’ से हुआ है। इस अवसर पर पब्लिकेशन की टीम सहित शहर मनोज गुप्ता, सुनील कुमार पांडे, नदी पुरुष डॉ. समाज शेखर, कवि पीयूष मिश्रा, राधेश्याम भारती, भरत कुमार सिंह, दीपा श्रीवास्तव, अभिनव द्विवेदी, योगिता सिंह, आयूष प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल
