इटानगर, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) ने
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इटानगर रैली की तीखी आलोचना की और राज्य के गंभीर
मुद्दों पर बात करने के बजाय कांग्रेस पार्टी पर हमला करने के लिए इस मंच का
इस्तेमाल करने की निंदा की।
एपीसीसी ने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरा खोखली बयानबाजी और
आत्म-प्रशंसा से भरा रहा, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए कोई नई और ठोस घोषणा
नहीं की गई। समिति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि राज्य का आधुनिक इतिहास कांग्रेस के सभी
प्रधानमंत्रियों की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष परिणाम है।
कांग्रेस ने नेफा से राज्य बनने तक के अपने सफर पर प्रकाश डालते हुए दावा किया
कि अरुणाचल प्रदेश का निर्माण कांग्रेस नेताओं द्वारा रखी गई नींव पर हुआ था, जिनका योगदान राज्य के राजनीतिक, आर्थिक और
सामाजिक विकास में अभिन्न अंग है।
उन्होंने इस क्षेत्र पर विशेष प्रशासनिक ध्यान
केंद्रित करने के लिए 1954 में नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (नेफा) का गठन किया था।
फिर 1972 में अरुणाचल प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया
गया और 20 फ़रवरी,
1987 को अरुणाचल प्रदेश को
पूर्ण राज्य का दर्जा भी दिया गया। उनकी सरकार ने उच्च शिक्षा के विस्तार और
पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने पर भी ध्यान
केंद्रित किया।
वहीं डॉ. मनमोहन सिंह नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने 2008 में अरुणाचल प्रदेश के लिए ऐतिहासिक 24,000 करोड़ के विशेष
विकास पैकेज की घोषणा की थी इस पैकेज ने ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग, डोनी पोलो हवाई अड्डे और विभिन्न जिला राजमार्गों सहित प्रमुख बुनियादी ढांचा
परियोजनाओं को वित्त पोषित किया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भाजपा उन परियोजनाओं का श्रेय ले रही है जो मूलतः कांग्रेस द्वारा शुरू
की गई थी।
(Udaipur Kiran) / तागू निन्गी
