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विश्वभर का जो श्रेष्ठतम है, वह भारतीय संविधान में है: राज्यपाल

विश्वभर का जो श्रेष्ठतम है, वह भारतीय संविधान में है: राज्यपाल

जयपुर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने विश्व लोकतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारतीय संविधान सर्वोच्च है। लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सभी मिलकर कार्य करें। उन्होंने लोकतंत्र में सभी स्तरों पर जवाबदेही सुनिश्चित किए जाने और सभी को पारदर्शिता से कार्य करने की संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया।

बागडे सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान सभागार में ’भारतीय युवा संसद’ के अधिवेशन में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा देश के कर्णधार हैं, उन्हें ’देश प्रथम’ की सोच से कार्य करने के लिए सभी स्तरों पर प्रेरित किया जाए। उन्होंने विश्व में लोकतंत्र के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में बाबा साहेब आम्बेडकर ने संविधान निर्माण के दौरान यह ध्यान रखा कि विश्वभर का जो श्रेष्ठतम है, वह हमारे संविधान में आए।

राज्यपाल ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र इसलिए है कि यह समानता, न्याय और उदात्त जीवन मूल्यों से जुड़ा है। उन्होंने सही शिक्षा के जरिए लोकतंत्र को मजबूत किए जाने का आह्वान किया। इसके लिए उन्होंने विद्यालयों और महाविद्यालयों में बौद्धिक और शारीरिक क्षमता बढ़ाते हुए प्रतिभा संपन्न युवाओं की संख्या बढ़ाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि थाली में भोजन का जो नियोजन कर सके और खाने के बाद भोजन फेंकना नहीं पड़े वही राष्ट्र और समाज में नियोजन के लिए कार्य करने में सक्षम हो सकता है। शुरूआत घर से, अपने आप के नियोजन से करनी होगी तभी देश और विश्व का नियोजन सही हो सकता है।

उन्होंने कहा कि सुशासन में कृत्रिम बुद्धिमता का प्रयोग साक्ष्य आधारित निर्णय लेने, प्रक्रियाओं में तेजी लाने और नागरिक सुविधाओं में बेहतरी के लिए तो ठीक है परन्तु इसका सावधानी से उपयोग होगा तभी तकनीक की सार्थकता है। ए.आई. मानवीय गरिमा और जीवन मूल्यों पर हावी नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

राज्यपाल ने आरंभ में भारतीय संसद के आलोक में प्रकाशित पुस्तिका लोकतंत्र वैचारिकी का लोकार्पण किया।

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(Udaipur Kiran)

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