
मुरैना, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर प्रदेश के मुरैना जिले में बागवानी उत्कृष्टता केन्द्र नूरावाद में संचालित है। इस केन्द्र पर इंडो इजराइल कृषि आधारित परियोजना अंतर्गत इजराइयली हॉर्टिकल्चर साइंटिस्ट यूरी रॉबस्टिन ने सोमवार को बागवानी केन्द्र नूरावाद का भ्रमण कर अवलोकन किया। इजरायली बागवानी वैज्ञानिक ने भारत में कृषि सहयोग को बताया महत्वपूर्ण इजरायल के बागवानी विशेषज्ञ यूरी रोबस्टिन ने भारत और इजरायल के बीच मज़बूत कृषि सहयोग पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इस सहयोग में इजरायली दूतावास, भारत सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारें सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य हर स्तर की सरकार के साथ मिलकर कृषि उत्कृष्टता केंद्र (सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित करना है। श्री रोबस्टिन ने कहा कि इन केंद्रों में इजराइल की सर्वश्रेष्ठ कृषि पद्धतियों का प्रदर्शन किसानों के सामने खेतों में किया जाएगा, जिससे वे नई तकनीकें और उपकरण सीख सकें और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर सकें।
उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में जलवायु परिवर्तन कृषि के लिए एक बड़ी चुनौती बनने वाला है। हमारी तकनीकें इसी दिशा में काम करती हैं, किसानों को जलवायु के अनुकूल बनाने के लिए सशक्त करना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के नूराबाद स्थित बागवानी केंद्र का भ्रमण करते हुये श्री रोबस्टिन ने कहा कि मेरे इस दौरे का उद्देश्य यहाँ के उत्कृष्टता केंद्र की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना है, ताकि यह जाना जा सके कि इसे पूरी क्षमता के साथ चलाने के लिए किन संसाधनों और उपकरणों की आवश्यकता है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि इस केंद्र के कारण मुरैना और आसपास के क्षेत्र के किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को ऐसे उपकरण और समाधान मिलेंगे, जो जलवायु चुनौतियों का सामना करने में उनकी मदद करेंगे।
भारत के प्रधानमंत्री की ’विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना का उल्लेख करते हुए श्री रोबस्टिन ने कहा कि हमारा प्रयास है कि भविष्य को वर्तमान में लाया जाए। इन उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से हम आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे, जो भविष्य की चुनौतियों का समाधान प्रदान करेंगी। उन्होंने स्वीकार किया कि इस बदलाव में समय लगेगा, लेकिन तकनीकी रूप से दक्ष लोगों को लाना आवश्यक है। हम चाहते हैं कि प्रोजेक्ट मैनेजर (परियोजना प्रबंधक) कृषि उपकरणों के उपयोग में पूरी तरह दक्ष हों। अगले एक महीने के भीतर यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिसमें ओपन-फील्ड और इनडोर (बंद संरचना) खेती दोनों शामिल होंगी।
रोबस्टिन ने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट मैनेजर को उपकरणों और तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे केंद्र पर किसानों को प्रशिक्षित कर सकें। इन प्रशिक्षित किसानों में से 10 उत्कृष्ट किसानों को चुना जाएगा, जो स्थानीय भाषा में खेतों में जाकर बाकी किसानों को तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने आशा जताई कि अगले वर्ष तक नूराबाद मुरैना में एक पूर्ण रूप से सक्रिय और प्रभावशाली बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित हो जाएगा।
इस अवसर पर वरिष्ठ उद्यानिकी विस्तार अधिकारी भोपाल अभिषेक मिश्रा, चम्बल-ग्वालियर संभाग के संयुक्त संचालक बिजेन्द्र सिंह भदौरिया, नूरावाद बागवानी उत्कृष्टता केन्द्र के सहायक संचालक अरूण कुमार गोयल सहित अन्य कृषि वैज्ञानिक मौजूद थे।
वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी भोपाल अभिषेक मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में नूरावाद बागवानी उत्कृष्टता केन्द्र सर्वप्रथम बनाया गया है। इस केन्द्र पर किसानों को प्रशिक्षण देने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। यहां कम से कम तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण केन्द्र से कृषक ज्ञान अर्जित कर इजराइल की तर्ज पर उद्यानिकी फसलें अपनाकर फसलों में वृद्धि करेंगे। उन्होंने कहा कि इजराइल में फसल के अनुसार खाद, बीज व पानी दिया जाता है, इसलिए फसलों की पैदावार चार गुना हो जाती है। उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस में पौध तैयार की जा रहीं है, जिसमें शिमला मिर्ची, टमाटर, हरी मिर्ची आदि फसलों का प्रशिक्षण कृषकों को दिया जा रहा है, ताकि कृषक अपने खेत में इजराइल की तर्ज पर बम्फर फसल पैदा कर सकें।
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
