
प्रयागराज, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पेंटिंग की कला भी व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है। जिस विद्यार्थी की पढ़ाई किसी कारणवश बीच में छूट गई हो, वह इस क्षेत्र में भी अपने कैरियर का विकल्प ढूंढ़ सकता है। यह बातें सहायक आचार्य डॉ. अश्विनी देवी ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कही।
ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में संचालित कार्यक्रम ‘गांधी माह-एक कदम बढ़ायें आत्मनिर्भरता से आत्मसम्मान की ओर’ के अंतर्गत ‘अन्तर महाविद्यालयीय पेंटिंग कार्यशाला’ का आयोजन शुक्रवार को किया गया। प्राचार्य प्रो.आनन्द शंकर सिंह के निर्देशन में सांस्कृतिक एवं सहगामी गतिविधि प्रकोष्ठ कार्यशाला की संयोजिका और संचालक डॉ.अश्विनी देवी, सहायक आचार्य, संस्कृत विभाग ने प्रतिभागी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि गांधीजी भी व्यक्ति को आत्मनिर्भर होने को प्रेरित करते थे। हम अपनी एकेडमिक गतिविधियों में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने अंदर छिपी कला को पहचान कर उसका विकास करना भूल जाते हैं। हमारे अंदर छिपी कला का विकास करना ही इस तरह के कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भी है। इस कार्यशाला में प्रशिक्षक वैष्णवी सिंह, शशांक राय और सत्यम ने विद्यार्थियों को मण्डला एवं पिछवाई चित्रकला का प्रशिक्षण दिया।महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. मनोज कुमार दूबे ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में ईश्वर शरण महाविद्यालय के साथ ही अन्य संघटक महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉ. अंकित पाठक, डॉ. भगत नारायण महतो, डॉ. रागिनी राय, डॉ. एकात्मदेव एवं डॉ. दीपिका शर्मा आदि उपस्थित रहे। डॉ. भगत नारायण महतो ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
